मरम्मत कराने की विभाग से नहीं हो रही पहल, किसानों की बढ़ी परेशानी प्रतिनिधि, रानीश्वर मयुराक्षी बायांतट मुख्य नहर से निकाले गये अधिकांश विलेज कैनाल क्षतिग्रस्त हो गये हैं. क्षतिग्रस्त कैनाल को तत्काल किसान मिट्टी से बांध कर किसी तरह सिंचाई के लिए अपने खेतों में नहर का पानी पहुंचा रहे हैं. विभाग की देखरेख में कमांड डेवलपमेंट एरिया (कैड) से विलेज कैनाल का पक्कीकरण करीब एक दशक पहले कराया गया था, पर देखरेख के अभाव में विलेज कैनाल पांच छह साल बाद से ही टूटना शुरू हो गया. पर विभाग से मरम्मत नहीं करायी गयी. प्रभात खबर ने जब रिपोर्ट प्रकाशित की, तो सिंचाई विभाग से क्षतिग्रस्त विलेज कैनाल का सर्वे किया गया. इसके बाद से किसी भी तरह का पहल नहीं की गयी. किसानों ने खरीफ, रबी खेती के अलावा गरमा धान की बड़े पैमाने पर खेती की है. किसानों को परेशानी झेलनी नहीं पड़ेगी. प्रखंड के सादीपर, हुसैनपुर, जयपहाड़ी, भुंईकुमड़ा, गुलामसुली, हरिपुर, लकड़ाघाटी आदि गांवों में विलेज कैनाल क्षतिग्रस्त हो गया है. जयपहाड़ी के विनोद राणा ने बताया कि क्षतिग्रस्त विलेज कैनाल की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग से पहल करनी चाहिए. लखनपुर के विकास पाल ने बताया कि विभिन्न गांवों में सिंचाई विभाग की ओर से विलेज कैनाल की कंट्रीट ढलाई कर पक्कीकरण किया गया था. पर जहां जहां कैनाल टूट गया, वहां मरम्मत कराने की पहल विभागीय स्तर पर नहीं हुई है.
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