दुमका कोर्ट से घुसपैठिए की रिहाई पर आदिवासी सांवता सुशार अखाड़ा ने जतायी नाराजगी संवाददाता, दुमका बांग्लादेशी घुसपैठिए की सजा पूरी होने पर दुमका जेल से हो रही रिहाई पर प्रमुख सामाजिक संगठन आदिवासी सांवता सुशार अखाड़ा ने प्रशासनिक रवैये पर क्षोभ जताया है. कहा कि वीर शहीदों की धरती पर घुसपैठियों को कदम नहीं रखने दिया जायेगा. अखाड़ा के प्रमंडलीय संयोजक चंद्रमोहन हांसदा ने कहा कि संताल परगना की जिस वीर भूमि की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया, वहां हम घुसपैठियों को समाज की जमीन लूटने तथा हमारी बहू-बेटियों की अस्मत से खेलने की इजाजत नहीं दे सकते. कहा कि प्रशासन जेल से निकलते साथ ही घुसपैठिये को किसी वाहन द्वारा सीधे संताल परगना से बाहर भेजने का प्रबंध करें, अन्यथा वे लोग आंदोलन करने के लिए विवश होंगे. इसी मुद्दे पर बांग्लादेशी घुसपैठिये की रिहाई के साथ अखाड़ा द्वारा 27 फरवरी को दुमका सेंट्रल जेल गेट पर धरना-प्रदर्शन का आयोजन करने व बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने की भी बात कही. जामताड़ा जिलाध्यक्ष जगदीश मुर्मू तथा देवघर जिलाध्यक्ष मनोज कुमार हेंब्रम ने कहा कि जिस वीर भूमि पर वीर सिदो-कान्हू तथा बाबा तिलका मांझी ने आपने साहस से ब्रिटिश प्रशासन को झुका दिया था. वहां घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जायेगी. हमारे समाज की जमीन पर अवैध कब्जा किया है. सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ रहे हैं. घुसपैठियों ने इस क्षेत्र को देश का ”क्राइम कैपिटल” बना दिया है. कुछ वर्षों में समाज का अस्तित्व ही संकट में आ जायेगा.
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