प्रतिनिधि, दुमका नगर सातवीं लघु सिंचाई गणना, द्वितीय जल निकाय गणना व प्रथम स्प्रिंग गणना प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कनवेंशन सेंटर में शनिवार को किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि उपविकास आयुक्त अनिकेत सचान उपस्थित थे. शुरुआत श्री सचान तथा अन्य अतिथियों ने की. डीडीसी ने कहा कि जिले में कुछ जगहों पर पानी की समस्या है, उनको दूर करने का प्रयास किया जायेगा. इन जगहों पर मनरेगा का 60 प्रतिशत खर्च जल संरक्षण में किया जायेगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार सेवक और पंचायत सचिवों को इनकी जानकारी उपलब्ध कराना है. इस कार्यक्रम के भी दो उद्देश्यों के बारे में भी बताया. इसमें वैज्ञानिक तौर पर यह पता करना कि किन जगहों पर पानी का संरक्षण किया जा सकता है. ताकि भविष्य में इसकी कमी को दूर किया जा सके. इसके अलावा जल संरक्षण के लिए योजना को तैयार कर पानी के बहाव की स्थिति पर भी ध्यान रखकर इसपर काम किया जायेगा. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता हरिलाल प्रसाद ने बताया कि पूरे देश में लघु सिंचाई योजनाओं की गणना प्रत्येक पांच वर्षों के बाद की जाती है. पहली गणना वर्ष 1986-87 में की गयी थी. अबतक कुल छह गणना हो चुकी है. इस वर्ष 7वीं लघु सिंचाई गणना हो रही है, जिसका उद्देश्य दो हजार हेक्टेयर तक की सिंचाई क्षमता वाले सभी सतही व भूजल योजनाओं की गणना की जायेगी. इस बार गणना का कार्य पूरी तरह से डिजिटल मोड में की जायेगी. इसमें मोबाइल व वेब एप्लीकेशन का उपयोग किया जायेगा. मौके पर दुमका जिले के 10 प्रखंडों के गणना कार्य से जुड़े सभी पर्यवेक्षक व प्रगणक उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

