30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

झारखंड: 60-40 नियोजन नीति के खिलाफ दो दिवसीय आर्थिक नाकेबंदी 10 जून से, ढोल-नगाड़ा बजाकर की ये अपील

छात्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. यह रैली एसपी कॉलेज परिसर से पूरे शहर में भ्रमण करते हुए सिदो कान्हो चौक, टीन बाजार चौक एवं अंबेडकर चौक से होते हुए उपायुक्त आवास के समक्ष उलगुलान के प्रतीक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ संपन्न हुई.

दुमका: 60-40 नियोजन नीति के विरोध में शनिवार व रविवार को दो दिवसीय आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया गया है. इस आर्थिक नाकेबंदी के ठीक पहले शुक्रवार की शाम छात्र समन्वय समिति के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने शहर में सखुआ के पत्ते घुमाकर एवं परंपरागत ढोल-नगाड़ा पीटकर सांकेतिक रैली निकाली एवं आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने का अनुरोध किया. इस दौरान छात्रों ने सरकार के विरोध में नारे भी लगाए. रैली में सभी छात्र-छात्रायें अपने हाथों में सखुआ के पत्ते की टहनी लहरा रहे थे. इन्होंने 10-11 जून की आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने की अपील की. ये 60-40 नियोजन नीति रद्द करने व खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने की मांग कर रहे हैं.

खतियान आधारित स्थानीय नीति बनायी जाए

छात्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. यह रैली एसपी कॉलेज परिसर से पूरे शहर में भ्रमण करते हुए सिदो कान्हो चौक, टीन बाजार चौक एवं अंबेडकर चौक से होते हुए उपायुक्त आवास के समक्ष उलगुलान के प्रतीक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ संपन्न हुई. छात्रनेता श्यामदेव हेंब्रम ने कहा कि सरकार अविलंब नियोजन नीति बनाए व 60-40 के अनुपात को रद्द करे. खतियान आधारित स्थानीय नीति बनायी जाए. उन्होंने कहा कि राज्य में कई महीने से स्थानीय नीति लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन हो रहे हैं. छात्र व युवा सड़कों पर उतर रहे हैं. आर्थिक नाकेबंदी कर रहे हैं, लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए है. छात्रों ने राज्य सरकार के 60-40 नियोजन नीति के खिलाफ मुख्यमंत्री आवास का घेराव भी किया. जिसमें छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. कई छात्रों को गंभीर चोटें भी आयीं. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती भी कराया गया. इतना सब कुछ होने के बाद भी सरकार के कानों तक हमारी बात नहीं पहुंच रही है. सरकार अभी भी चुप्पी साधी हुई है.

Also Read: झारखंड में एक गांव का नाम था इतना आपत्तिजनक कि बताने में ग्रामीणों को आती थी काफी शर्म, अब ये है नया नाम

10-11 जून की आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाएं

श्री हेंब्रम ने कहा यदि झारखंड में 60-40 नियोजन नीति लागू हो जाती है, तो राज्य के नौजवानों-बच्चों के साथ धोखा होगा. यहां पर बाहरी लोग आकर अपना हक जमायेंगे. नौकरी करके हमारे लोगों से मजदूरी करायेंगे. सभी संघ-संगठन एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं से 10-11 जून की आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने के लिए सहयोग की अपील की गयी है, ताकि झारखंडियों के साथ नाइंसाफी ना हो सके. उन्हें अपना हक व अधिकार मिल सके. श्री हेंब्रम ने कहा कि राज्य सरकार उनकी मांगों को नहीं सुनेगी, तो 1855 की तर्ज पर संताल हूल किया जायेगा. जिसकी पूरी जिम्मेवारी सरकार की होगी. मौके पर राजेंद्र मुर्मू, राजीव बास्की, ठाकुर हांसदा, मंगल सोरेन, विवेक हांसदा, हरेंद्र हेंब्रम, मुनिलाल हांसदा, जिर्योधन मुर्मू, प्रेम हांसदा, दिलीप हेंब्रम, हरिलाल टुडू, बाबूराम हांसदा, शीतल बास्की, संतोष मरांडी, सुकदेव बेसरा, रमेश टुडू, दिलीप सोरेन, जोवेल मुर्मू, राकेश बेसरा, श्रीजतन मरांडी, मानवेल हांसदा आदि शामिल थे.

Also Read: Vande Bharat Express: पटना से रांची के बीच पहली बार कब दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस? ये है लेटेस्ट अपडेट

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें