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झारखंड : संताल के इन गांवों में कनेक्शन है पर पानी नदारद, रानीश्वर में करोड़ों की जलापूर्ति योजना फेल

दुमका के रानीश्चर प्रखंड क्षेत्र में करोड़ों की पेयजलापूर्ति योजना दम तोड़ता नजर आ रहा है. इस प्रखंड के सादीपुर से एकतला गांव तक पानी नहीं पहुंच रहा है. इसकी देखरेख करने वाले विभाग के अधिकारी मौन हैं.

रानीश्वर (दुमका), साधन सेन : मसानजोर डैम पर दुमका व मसलिया प्रखंड के साथ रानीश्वर प्रखंड के गांवों में पाइपलाइन के माध्यम से जलापूर्ति करने के लिए दो महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया था. जो धीरे-धीरे दम तोड़ता जा रहा है. अभी दुमका व मसलिया क्षेत्र के ग्रामीणों को ही इन योजनाओं से जलापूर्ति हो रही है. रानीश्वर प्रखंड के लोगों को जलापूर्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

गांवों तक नहीं पहुंच रहा पानी, अधिकारियों ने साधी चुप्पी

मसानजोर डैम से कोलारकोंदा दिगुली ग्रामीण जलापूर्ति योजना तथा रानीबहाल महेषबथान ग्रामीण जलापूर्ति योजना क्रियान्वयन किया गया है. इन दोनों जलापूर्ति योजना दुमका व मसलिया प्रखंड क्षेत्र में ही सीमित रह गया है. जलापूर्ति अंतिम छोर तक नहीं हो रहा है यानी धीरे-धीरे इस परियोजना का पोषक क्षेत्र सिमट कर कम होते जा रहा है. शुरुआती दौर में रानीबहाल महेषबथान ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत अंतिम छोर के एकतला गांव तक जलापूर्ति होती थी. अभी दुमका प्रखंड के रानीबहाल पंचायत के मुरजोड़ा गांव तक ही जलापूर्ति सीमित रह गयी है. रानीश्वर प्रखंड के सादीपुर से एकतला गांव तक पानी नहीं पहुंच रहा है. इसकी देखरेख करने वाले विभाग के अधिकारी मौन हैं.

पानी हो रहा बर्बाद

बताया जा रहा है कि मुरजोड़ा गांव के पास किसी लोकल मिस्त्री द्वारा पाइप का भाल्व लाॅक कर दिया गया है. जिससे आगे की ओर पानी पहुंचना बंद हो गया है. वहीं, लोकल मिस्त्री द्वारा लोगों के घरों में पानी कनेक्शन देने के लिए हाफ इंच के बदले एक इंच छेद कर दिये जाने से पानी बेवजह बर्बाद हो रहा है.

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नांगलभांगा गांव तक नहीं पहुंच रहा पानी

उधर, कोलारकोंदा दिगुली ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत मसलिया व रानीश्वर प्रखंड के ग्रामीणों को जलापूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित था. कुछ दिनों तक रानीश्वर के अंतिम छोर दिगुली गांव तक पानी पहुंचा था. धीरे-धीरे सिमटते हुए नांगलभांगा गांव तक पहुंच चुका है. गर्मी के दिनों में हर रोज नांगलभांगा गांव तक भी पानी नहीं पहुंच रहा है. फिलहाल मसलिया के गांवों तक ही सिमट कर रह गया है.

क्या कहते हैं पेयजल उपभोक्ता

बांसकुली गांव के पीरु खां ने बताया कि पहले उपभोक्ताओं को पाइपलाइन से नियमित जलापूर्ति हो रही थी, जो धीरे-धीरे बंद होते जा रही है. बताया कि फिलहाल कब जलापूर्ति होगा किसी को नहीं पता. वहीं, शिलाजुड़ी गांव के प्रदीप घोष ने बताया कि पाइप लाइन के पानी से ही पूरे गांव के लोग निर्भर करते हैं, पर नियमित जलापूर्ति नहीं होने से सभी को परेशानी झेलना पड़ रहा है. मयूराक्षी नदी में बालू हटा कर गड्ढा बनाकर पीने के लिए पानी लाना पड़ रहा है. रानीबहाल महेषबथान ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत रानीश्वर के सादीपुर, हुसैनपुर, हकीगतपुर, कुमिरदहा, महेषबाथान, बाखरतली, रघुनाथपुर, पाथरा, पलाशडंगाल, रानीग्राम, कामती, एकतला, पड़िहारपुर, चककमरदहा आदि गांवों को जलापूर्ति करने का लक्ष्य था. वहीं, कोलारकोंदा दिगुली ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत रानीश्वर प्रखंड के मुरजोड़ा, सिजुआ, बांसकुली, बिलकांदी, जयताड़ा, श्यामपुर, शिलाजुड़ी, मेहदीपुर, नांगलभांगा, कलाईबाड़ी, हाड़जुड़िया, डूमरा, बागजोबड़ा, आमजोड़ा, गोबिंदपुर, दिगुली आदि गांवों तक जलापूर्ति का लक्ष्य था.

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