संवाददाता, दुमका बांग्ला नववर्ष की शुरुआत मंगलवार से हो रही है. इस अवसर पर ”पोइला वैशाख” पूरे उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाएगा. धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गीत-संगीत की प्रस्तुतियों तक, हर ओर नववर्ष का उल्लास छाया रहेगा. केबी वाटिका में मंगलवार को रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जबकि पोपुलर क्लब में 16 अप्रैल को भव्य आयोजन की योजना है. बांग्ला नववर्ष 1432 के स्वागत में शहर से गांव तक, क्लबों, सोसाइटी, गली-मुहल्लों और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और कार्यक्रमों का आयोजन होगा. व्यवसायी अपने प्रतिष्ठानों में पूजा कर नया खाता खोलेंगे, मिठाइयों और कैलेंडर का वितरण कर शुभकामनाएं साझा करेंगे. वहीं धार्मिक आस्थाओं से जुड़े लोग पोइला वैशाख के दिन से ही अपने घरों में और मंदिरों में विशेष पूजा करेंगे. रानीश्वर समेत कई इलाकों में मंगलवार की शाम कीर्तन दलों का भ्रमण होगा. पारंपरिक रूप से तुलसी चौरा पर मिट्टी के कलश में जल भरकर लटकाया जाएगा, जिससे पूरे वैशाख महीने तक बूंद-बूंद जल तुलसी को अर्पित होता रहे. लोग पीपल के वृक्ष की जड़ों में जल अर्पण कर पुण्य अर्जित करेंगे. वैशाख मास को धार्मिक महत्व वाला महीना माना जाता है, इस दौरान लोग निरामिष भोजन ग्रहण करते हैं और प्यासे राहगीरों के लिए प्याऊ की भी व्यवस्था करते हैं. बंगाली समाज में उत्सव की रौनक बंगाली समाज में नववर्ष को लेकर उत्साह चरम पर है. परिवार और समाज के लोग एक-दूसरे के घर मिठाइयों का आदान-प्रदान करेंगे, पारंपरिक पकवान बनाएंगे और आपसी मेलजोल से उत्सव का आनंद लेंगे. यह पर्व सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करता है. रविंद्र संगीत और शास्त्रीय कार्यक्रमों की भी विशेष प्रस्तुतियां होंगी. नववर्ष के आगमन को लेकर लेकर बंगाली समाज बेहद उत्साहित है. पोइला वैशाख पर समाज के लोग एक-दूसरे के घरों में मिठाइयां बांटते हैं. पकवान बनाकर उसका परिजनों-इष्टजनों, मित्रों के साथ आनंद लेते हैं. यह उत्सव आशा, उमंग व तरंग का माहौल पूरे समाज में फैलाता है. सामाजिक गतिविधियां, शास्त्रीय गीत-संगीत खासकर रविंद्र संगीत के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. ये कार्यक्रम व अनुष्ठान समाज को एकसूत्र में बांधकर रखने के लिए भी जरूरी होता है. डॉ अरूणा चटर्जी, वरीय महिला चिकित्सक ================== किसी भी चीज में नयापन बेहद उत्साह-उमंग भरनेवाला होता है. नयेसाल का पहला दिन है, तो यह हम सभी के जीवन के लिए भी खास हो जाता है. इसलिए मैं भ्ज्ञी पोयला वैशाख में धार्मिक अनुष्ठान के साथ नववर्ष की शुरुआत करती हूं. घर व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भी कलश स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है. जिससे साल भर के लिए मंगलमय की कामना की जाती है. जयन्ती दास, सेवानिवृत्त सेविका ================== पूरा समाज बड़े ही धूमधाम के साथ पोयला वैशाख नववर्ष के रूप में मनाते है. खासकर पोयला वैशाख पूजा पाठ के साथ शुरू की जाती है. ताकि पूरे साल व्यावसायिक प्रतिष्ठान अच्छी तरह से चले. किराना दुकानों में खासकर धूम रहती है, नया खाता का शुरू होता है. ग्राहकों के साथ दुकानदारों का गहरा संबंध बना रहे, इसके लिए पूजा का प्रसाद के साथ कैलेंडर आदि दिया जाता है. जितेंद्र नाथ साधु, ग्रामीण ================== बांग्ला नवबर्ष के साथ लोगों में खुशी का माहौल है, लोग नये परिधान के साथ मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना में करेंगे. ईश्वर से अपने व्यवसाय में तरक्की के लिए कामना करते है. आज से बांग्ला नववर्ष 1432 शुरू हो गया. गांव गांव में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन में बढ़ोत्तरी होगी. हर रोज किसी न किसी गांव में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन होता रहेगा.इस पवित्र माह में लोग पूजा पाठ में विशेष ध्यान देते हैं. षष्टी पद नन्दी, समाजसेवी ================== बांग्ला नववर्ष में बंगाली दुकानदारों में पूजा पाठ को लेकर विशेष अनुष्ठान किया जाता है. पूजा अर्चना के साथ ग्राहकों के साथ अच्छा सम्बंध रखने के लिए निमंत्रण दिया जाता है. दुकान पूजा के बाद प्रसादी,मिठाई,कलेंडर एवं नया खाता की शुरुआत करते हैं.वैशाख के पवित्र महीना में तुलसी के पौधा में नियमित जल देने का व्यवस्था किया जाता है. प्यासे लोगों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाती है. इस महीने पूजा अर्चना में बंगाली समुदाय विशेष जोर देते हैं. नित्यगोपाल गोस्वामी, समाजसेवी
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