निर्णय. बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में सिलेबस सेलेक्ट
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अब पंडित दीनदयाल के मानववाद सिद्धांत का भी अध्ययन करेंगे छात्र
निर्णय. बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में सिलेबस सेलेक्ट दुमका : स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान के छात्र अब पंडित दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सिद्धांत का भी अध्ययन कर पायेंगे. इसके अलावा उन्हें जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया जैसे समाजवादी विचारकों के बारे में पढ़ने का अवसर मिलेगा. इतना ही नहीं झारखंड की […]
दुमका : स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान के छात्र अब पंडित दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सिद्धांत का भी अध्ययन कर पायेंगे. इसके अलावा उन्हें जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया जैसे समाजवादी विचारकों के बारे में पढ़ने का अवसर मिलेगा. इतना ही नहीं झारखंड की राजनीति से जुड़े पत्र भी नये सिलेबस में समाहित होंगे. बुधवार को विभाग के बोर्ड ऑफ स्टडीज की हुई बैठक में सीबीसीएस के तहत 2017-18 सत्र के लिए सिलेबस को अद्यतीत किया गया तथा उसे अंतिम रूप दिया गया. मिली जानकारी के मुताबिक पांच घंटे तक चली इस बैठक में स्नातक व स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम को समयानुरूप बनाया गया है.
जानकारी के मुताबिक पहले सेमेस्टर में फाउंडेशन कोर्स की पढ़ायी होगी, जिसमें राजनीति की बुनियादी अवधारणा से छात्रों को रूबरू कराया जायेगा. इसी सेमेस्टर में भारतीय राजनीतिक चिंतक में दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद को शामिल किया गया है. विदित हो कि यूजीसी ने पंडित दीनदयाल के विचारों पर अध्ययन के लिए विशेष अभियान चलाया है. उल्लेखनीय है कि वीडी सावरकर, लोहिया, जयप्रकाश नारायण, मौलाना आजाद जैसे शख्सियतों के बारे में भी छात्र पहले सेमेस्टर में पढ़ पायेंगे.
दूसरे में स्कील डेवलपमेंट, रिसर्च प्रपोजल, पेपर राइटिंग, बायोडाटा निर्माण, रिसर्च डेजरटेशन राइटिंग आदि सीखाये जायेंगे. वहीं तीसरे सेमेस्टर में छात्र समाज विज्ञान संकाय के किसी भी विषय के साथ ओपन एलेक्टिव विषय के रूप में भारत में मानवाधिकार का अध्ययन कर सकते हैं. झारखंड की राजनीति को भी नये पत्र के रूप में समाहित किया गया है.
यहां की राजनीति के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ झारखंड की राजनीति का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, यथा संताल हूल, बिरसा आंदोलन आदि की भूमिका तथा सीएनटी-एसपीटी एक्ट से भी छात्र तीसरे सेमेस्टर में अवगत हो पायेंगे. चतुर्थ सेमेस्टर में 100 अंक के डेजरटेशन प्रस्तुति छात्रों को करनी होगी. जिसमें 70 अंक लेखन पर और 30 अंक मौखिकी पर दिये जायेंगे. पीजी में 100-100 अंकों के इस तरह से कुल 16 पत्र होंगे. डेजरटेशन को छोड़ अन्य पंद्रह पत्रों की विश्वविद्यालय परीक्षा में छात्रों को 14 अंक के 5 सवालों के जवाब देने होंगे,
जिसमें पहला प्रश्न अनिवार्य होगा. इस पहले प्रश्न के रूप में सात संक्षिप्त प्रश्न दो-दो अंकों के रहेंगे. शेष चार प्रश्न विवेचनात्मक अथवा वर्णनात्मक होंगे. जबकि अधिकत्तम 20 अंक लिखित आंतरिक मूल्यांकन से मिलेंगे.
5 अंक सेमिनार या अन्य शैक्षणिक गतिविधियों से , जबकि शेष 5 अंक वर्ग में उपस्थिति पर मिलेगा. बोर्ड ऑफ स्टडीज की इस बैठक में बतौर विषय विशेषज्ञ तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष प्रो विजय कुमार, एसकेएमयू पीजी हेड डॉ जैनेंद्र यादव, डॉ विजय कुमार, डॉ अजय सिन्हा, देवघर कॉलेज के डॉ मनीष झा एवं एसपी कॉलेज के डॉ शंभु कुमार सिंह मौजूद थे.
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