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सीएम के आश्वासन बाद भी मलुटी के लिए नहीं चली बस देवघर-बासुकिनाथ-मलुटी-तारापीठ को टूरिज्म लिंक से जोड़ने की नहीं हुई कोई सकारात्मक पहलपर्यटक स्थल मलुटी तक पहुंचने के लिए न तो चलती है कोई बस न ऑटो या टैक्सी प्रतिनिधि, शिकारीपाड़ाराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त टेराकोटा शैली में 16वीं-17 वीं शताब्दी में निर्मित 108 मंदिरों […]

सीएम के आश्वासन बाद भी मलुटी के लिए नहीं चली बस देवघर-बासुकिनाथ-मलुटी-तारापीठ को टूरिज्म लिंक से जोड़ने की नहीं हुई कोई सकारात्मक पहलपर्यटक स्थल मलुटी तक पहुंचने के लिए न तो चलती है कोई बस न ऑटो या टैक्सी प्रतिनिधि, शिकारीपाड़ाराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त टेराकोटा शैली में 16वीं-17 वीं शताब्दी में निर्मित 108 मंदिरों के समूह वर्तमान में 72 मंदिरों को संजोए रखने वाले ऐतिहासिक पर्यटन स्थल मलुटी में आने-जाने वाले को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिला मुख्यालय दुमका या निकटवर्ती रेलवे स्टेशन रामपुरहाट से मलुटी तक कोई बस सेवा उपलब्ध नहीं है. दुमका रामपुरहाट मुख्य सड़क पर सुड़ीचुआ बस स्टाप से करीब 5 किमी दूरी के लिए कोई वाहन नहीं चलती है. जिससे मलुटी के ग्रामीणों के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटकों को यह दूरी पैदल या निजी वाहन से तय करना पडता है. तारापीठ आने वाले श्रद्धालु मां तारा की बड़ी बहन मां मौलिक्षा के दर्शन पूजन की अभिलाषा के बावजूद यातायात के साधन नहीं रहने के कारण अधिकांश श्रद्धालु तारापीठ से वापस लौट जाते हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मलुटी में रात्रि विश्राम के दौरान अपने जन संवाद में तारापीठ- मलुटी-बासुकिनाथ- देवघर बस सेवा शुरू करने का आश्वासन दिया था. आश्वासन के चार माह बीतने के बावजूद आज तक बस सेवा चालू नहीं हुई. मलुटी से मुख्य पथ पर स्थित सुड़ीचुआं तक 5 किमी की दूरी तय करने में ग्रामीणों के साथ-साथ पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ……………………..मलुटी से दुमका या रामपुरहाट जाने के लिए सूड़ीचुआं तक 5 किमी दूरी पैदल या निजी वाहन से करना पड़ता है, जिससे यहां के ग्रामीणों के साथ-साथ पर्यटकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. – उत्पल चौधरीतारापीठ आने वाले श्रद्धालु मां तारा की बडी वहन मां मौलिक्षा के दर्शन पूजन करना चाहते है लेकिन बस सेवा नहीं रहने के कारण अधिकांश श्रद्धालु मलुटी पहुंच नहीं पाते हैं. यहां बस सेवा चालू हो ताकि पर्यटक यहां पहुचे और यहां के ग्रामीण को रोजगार उपलब्ध हो. – विश्वपति चटर्जीतारापीठ मे दर्शन पूजन के बाद श्रद्धालुओं को मां मौलिक्षा के दर्शन की अभिलाषा रहती है. पर सुगम यातायात सुविधा नहीं है. इस ऐतिहासिक महत्व के स्थल के पिछड़ेपन का भी यही प्रमुख कारण है.- शुभाशीष चटर्जी, हुगलीसीएम द्वारा तारापीठ देवघर भाया मलुटी वस सेवा चालू करने के आश्वासन से उम्मीद जगी थी, लेकिन महीनों गुजरने के बाद भी वस सेवा चालू नहीं हो सकी. ग्रामीणों में निराशा व्याप्त हो रही है.- सुशांत चक्रवर्ती……………………………………….स्टांप फोटो………………………………………मलूटी में मंदिरों की सुरक्षा भगवान भरोसेप्रतिनिधि, शिकारीपाड़ाऐतिहासिक पर्यटक स्थल मलुटी में राजा बाज वसंत व उनके वंशजों द्वारा टेराकोटा शैली में निर्मित 108 मंदिरों के समुह में से बचे वर्तमान में 72 मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है. सरकार मलुटी के विकास व मंदिरों के संरक्षण के लिए करोड़ों खर्च कर रही है. लेकिन मंदिरों के सुरक्षा के नाम पर एक गार्ड भी नहीं है.मां मौलिक्षा मंदिर में तीन बार तथा एक शिव मंदिर में शिवलिंग की चोरी की घटना एक बार हुई है. बावजूद इसके मौलिक्षा मंदिर में सुरक्षा के नाम पर गर्भगृह द्वार पर एक ताला लगाकर सुरक्षा सुनिश्चित करायी जाती है. पालीदार पुजारी काली प्रसाद चौधरी ने बताया कि यहां चोरी के भय से प्रति दिन शाम को आरती के बाद मां मौलिक्षा के पहनाये सभी जेवर उतार कर घर ले जाना पड़ता है. चोरी के घटना के दिन पुलिस अधीक्षक विपुल शुक्ला ने मलुटी में मंदिर के सुरक्षा के लिए दो गार्ड नियुक्त करने के आश्वासन दिया था मंगलवार शाम तक कोई गार्ड तैनात नहीं हो पाया है. ………………………………………….”मलुटी के मौलिक्षा मंदिर में चोरी की घटना के बाद थाना प्रभारी को दो चौकीदार को वहां तैनात करने के लिए कहा गया है.”अमित बेसरा, बीडीओ………………………………”मौलिक्षा मंदिर में एक चौकीदार को तैनात कर दिया गया है. 10 बजे रात तक वह मौलिक्षा मंदिर की सुरक्षा देखेगा”अजय केशरी, थाना प्रभारी

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