संवाददाता, दुमकाझारखंड राज्य बाल श्रमिक आयोग द्वारा मंगलवार को दुमका में प्रमंडलस्तरीय ‘बाल श्रम उन्मूलन में जन भागीदारी’ विषयक कार्यशाला का आयोजन प्लस टू उच्च विद्यालय दुमका में किया गया. जिसका उदघाटन करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त फिदेलिस टोप्पो ने कहा कि सबसे अधिक बाल श्रमिक संताल परगना में हैं, जिन्हें शिक्षा से जोड़ना बहुत ही जरूरी है, जिससे कि बच्चे बाल श्रम से मुक्त हो सके. झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य संजय कुमार मिश्र ने कहा कि 2001 की जनगणना के अनुसार झारखंड में बाल श्रमिकों की संख्या लगभग चार लाख की थी, जो 2011 में घटकर 90 हजार के स्तर तक पहुंच गयी है. किं तु अभी भी इन 90 हजार बाल श्रमिकों को मुक्त कराके उन्हें पुनर्वासित कराना आवश्यक है.इस कार्यशाला में प्रमंडल के विभिन्न जिलों से आये प्रतिभागियों ने कार्य योजना बनायी, जिसमें सभी जिलों में बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए धावा दल के गठन, बाल श्रमिकों को चिह्नित करने एवं उनके परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजना से जोड़ने की बातें शामिल हैं.कार्यशाला में विभिन्न जिलों के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्य, जिला बाल संरक्षण इकाई के पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी, चाइल्ड लाइन पाकुड़ के चंद्रनाथ सामंतो, भारतीय किसान संघ के प्रमोद कुमार वर्मा एवं अरबिंद मिश्र, पुलिस पदाधिकारी, दुमका डीइओ सतीश चंद्र सिंकू, डीएसइ मसूदी टुडू, एडीपीओ पियुष कुमार, एपीओ अशोक कुमार सिन्हा, डीसीपीओ अमरेंद्र यादव व मीरा कुमारी आदि मौजूद थे.————————-फोटो 10-दुमका-4 एवं 5————————-
बाल श्रम उन्मूलन में जनभागीदारी जरूरी : आयुक्त
संवाददाता, दुमकाझारखंड राज्य बाल श्रमिक आयोग द्वारा मंगलवार को दुमका में प्रमंडलस्तरीय ‘बाल श्रम उन्मूलन में जन भागीदारी’ विषयक कार्यशाला का आयोजन प्लस टू उच्च विद्यालय दुमका में किया गया. जिसका उदघाटन करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त फिदेलिस टोप्पो ने कहा कि सबसे अधिक बाल श्रमिक संताल परगना में हैं, जिन्हें शिक्षा से जोड़ना बहुत ही […]
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