14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तैयार होने से पहले ही दरकने लगी स्टेडियम की दीवारें

उदासीनता. 2014 में बनकर तैयार होना था जिलास्तरीय स्टेडियम, 30 फीसदी से भी ज्यादा काम है अधूरा स्टेडियम की न गैलेरी बनी व न हो पाया समतलीकरण का कार्य 30 एकड़ में बन कर तैयार होगा स्टेडियम दरारों को भरने के लिये किया जा रहा नये सिरे से प्लास्टर खेल प्रेमियों के मन में उठे […]

उदासीनता. 2014 में बनकर तैयार होना था जिलास्तरीय स्टेडियम, 30 फीसदी से भी ज्यादा काम है अधूरा

स्टेडियम की न गैलेरी बनी व न हो पाया समतलीकरण का कार्य
30 एकड़ में बन कर तैयार होगा स्टेडियम
दरारों को भरने के लिये किया जा रहा नये सिरे से प्लास्टर
खेल प्रेमियों के मन में उठे रहे कई सवाल
दुमका : उपराजधानी दुमका में जिलास्तरीय स्टेडियम के निर्माण का कार्य कछुए की चाल से हो रहा है. जिसका निर्माण अगस्त 2014 तक ही हो जाना था, उसका निर्माण 2017 तक भी नहीं हो पाया है. अभी भी 30 प्रतिशत से अधिक कार्य बचे हुए हैं, ऐसा विभाग भी मानता है. 30 एकड़ में बन रहे इस जिलास्तरीय स्टेडियम के निर्माण के लिए जिस संवेदक एजेंसी को जिम्मा सौंपा गया है, उस संवेदक एजेंसी ने एकरारनामा के समय सीमा बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य में तेजी लाने की कोशिश नहीं की है.
दुमका के कमारदुधानी में इस जिलास्तरीय स्टेडियम के निर्माण कार्य के लिए 2013 में ही एकरारनामा किया गया था. इस जिलास्तरीय स्टेडियम का समय पर निर्माण न होने से इसकी लागत भी लगातार बढ़ती ही जा रही है. 30 मार्च 2012 को इस योजना के लिए 4.83 करोड़ रुपये का प्रशासनिक अनुमोदन प्राप्त हुआ था. एकरारनामा के वक्त इसकी लागत 6.18 करोड़ बतायी गयी और इतने में ही 9 जनवरी 2013 को रांची के एक्मे कंस्ट्रक्शन कंपनी ने एकरारनामा किया भी.
इस स्टेडियम में मुख्य पैवेलियन और चहारदीवारी तो बनायी जा चुकी है, पर गैलेरी का निर्माण कार्य अब भी आधा बचा हुआ है. जमीन का समतलीकरण भी अब तक नहीं हो पाया है. बचे हुए कार्य को पूरा कराने के लिए संशोधित प्राक्कलन तैयार कराया गया है, जो कि 8 करोड़ 41 लाख 77 हजार 750 रुपये का है. इधर, अब तक कार्य भले ही संवेदक कंपनी ने पूरा नहीं किया है, पर कई जगहों पर दीवारें दरकने लगी है. ढहने लगी है. दरारों को भरने के लिए प्लास्टर नये सिरे से चढ़ाया जा रहा है. पर इन दरारों को भरने के लिए की गयी खानापूरी अब साफ झलक रही है. जिस तरह की मिट‍्टी से समतलीकरण करने के दावे किये जा रहे हैं, उससे भविष्य में ढंग का मैदान तैयार होने पर संदेह ही है. खेलप्रेमी काफी मायूस दिख रहे हैं.
बनना था स्पोर्टस काॅम्प्लेक्स, बना रहे स्टेडियम : विजय
सांसद प्रतिनिधि और खेलसंघ से लंबे समय तक जुड़े रहे विजय कुमार सिंह ने कहा कि दुमका के कमारदुधानी में स्पोर्ट‍्स काॅम्प्लेक्स बनाने की बात हुई थी. लेकिन बनवाया जा रहा है एक छोटा सा स्टेडियम. स्टेडियम तो दुमका में है ही, अगर स्पोर्ट‍्स काॅम्प्लेक्स बनता, तो उसमें खेल-खिलाड़ियों का विकास होता. प्रतिभाओं को तराशने में मदद मिलती. केवल स्टेडियम बनाये जाने से उसका बहुत अधिक लाभ नहीं मिल पायेगा. श्री सिंह ने कहा कि इसे बनाने में भी अनावश्यक विलंब हुआ है.
खिलाड़ियों को स्टेडियम से है ढेरों उम्मीदें : मनोज
खेल प्रेमी मनोज कुमार साह ने कहा कि स्टेडियम का निर्माण समय पर होता तो अच्छा होता. इस जिलास्तरीय स्टेडियम के पूर्ण होने से दुमका जिले में खेल गतिविधियों को और बल मिलता. 2008-09 में ही स्पोर्ट‍्स काॅम्प्लेक्स के निर्माण की बात हुई थी. पर जब स्टेडियम बनाया जा रहा था, तो उसमें इतना लंबा वक्त लगना आश्चर्यजनक है. 2014 में तय मियाद में यह क्यों पूरा नहीं हुआ और इतना विलंब क्यों हुआ, इसकी जांच होनी चाहिए और संवेदक पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
काम में तेजी लाने की हमने करायी कोशिश : रामेश्वर
भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रामेश्वर दास से जब हमने इस मामले में बात की, तो उन्होंने कहा कि इस योजना को समय पर पूरा नहीं करा पाने की वजह क्या है, वे भी नहीं समझ पा रहे हैं. बताया कि कुछ महीने पहले ही उन्होंने यहां योगदान किया है. आने के बाद उन्होंने काम में तेजी लाने की कोशिश की है. समतलीकरण जैसे कार्य हो रहे हैं. उनके आने से पहले 8.41 करोड़ रुपये के संशोधित प्राक्कलन की तकनीकी स्वीकृति मिल चुकी है. अब प्रशासनिक स्वीकृति मिलना बाकी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें