आइआइटी आइएसएम धनबाद के भौतिकी विभाग में सोमवार से एएनआरएफ प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला ””सेंसिंग और इमेजिंग के लिए नैनोपार्टिकल सिंथेसिस के साथ ल्यूमिनेसेंस मापन तकनीकों का प्रायोगिक प्रशिक्षण”” की शुरुआत हुई. यह कार्यशाला भारत सरकार की नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ ) की साइंटिफिक सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (एसएसआर) के तहत आयोजित की जा रही है. इसमें देश के विभिन्न शिक्षण और शोध संस्थानों से आये शोधकर्ता, शिक्षक व छात्र भाग ले रहे हैं.
उद्घाटन सत्र में आधुनिक शोध प्रशिक्षण पर जोर
कार्यशाला का उद्घाटन प्रो. कौशल कुमार ने किया. रमन हॉल में आयोजित उद्घाटन सत्र में विशेषज्ञों ने आधुनिक मटेरियल्स रिसर्च पर प्रयोगशाला आधारित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर चर्चा की. भौतिकी विभाग की अध्यक्ष प्रो. विनीता कुमार राय ने कहा कि ल्यूमिनेसेंस स्टडीज सेंसिंग, इमेजिंग और फोटोनिक एप्लीकेशंस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. विभाग इस क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय योगदान दे रहा है.
तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों के व्याख्यानपहले दिन आयोजित तकनीकी सत्रों में एनआइटी राउरकेला के प्रो. सुप्रतिम गिरि ने “क्रिस्टल इंजीनियरिंग ऑफ अपकन्वर्टिंग लैटिस: एप्लीकेशंस एंड फंडामेंटल्स” विषय पर व्याख्यान दिया. आइआइएसईआर मोहाली के डॉ नीरज कुमार मिश्रा ने ऑनलाइन माध्यम से स्टेडी-स्टेट और टाइम-रिज़ॉल्व्ड फोटोल्यूमिनेसेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी पर व्याख्यान देते हुए इसके मूल सिद्धांतों व उन्नत अनुप्रयोगों को समझाया. कार्यशाला में व्यावहारिक प्रशिक्षण पर फोकस करते हुए प्रतिभागियों को अपकन्वर्टिंग नैनोफॉस्फर्स के सिंथेसिस का डेमोंस्ट्रेशन दिया गया. सीसीडी स्पेक्ट्रोमीटर के माध्यम से अपकन्वर्ज़न एमिशन मापन का हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण दिया गया. कार्यक्रम का समापन खुले विचार-विमर्श सत्र और वैलिडिक्टरी सेरेमनी के साथ किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

