धनबाद.
जिले के गोविंदपुर क्षेत्र अंतर्गत परासी ग्राम पंचायत के वार्ड संख्या 13 स्थित मध्य विद्यालय, पलासी में चहारदीवारी निर्माण के लिए 15वें वित्त आयोग मद से लगभग दो लाख का बजट स्वीकृत हुआ था. इसमें से तीन जून 2023 को 15,000 रुपये व छह जून 2023 को 90,000 रुपये की दो किस्तों में कुल 1,05,000 रुपये की अग्रिम राशि लाभुक समिति को सौंपी गयी. समिति के अध्यक्ष सत्तार अंसारी और सचिव असमान अंसारी को निर्माण की जिम्मेदारी दी गयी. लेकिन दो साल बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. स्कूल प्रबंधन व ग्रामीणों में इसको लेकर भारी नाराजगी है. परासी पंचायत का यह मामला प्रशासनिक लापरवाही व योजनाओं की कमजोर निगरानी का उदाहरण है. जब राशि आवंटित होने के बाद भी काम न हो व किसी के खिलाफ कार्रवाई न की जाए, तो यह आम जनता के विश्वास को भी तोड़ता है. मामले की शिकायत उप विकास आयुक्त के पास भी की गयी है. इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.पंचायत सचिव व मुखिया ने झाड़ा पल्ला
जब प्रभात खबर की टीम ने पंचायत सचिव परमेश्वर बास्की व मुखिया मिर्जा अंसारी से सवाल किये, तो दोनों इस मामले में जिम्मेदारी लेने से बचते नजर आये. मुखिया ने केवल यह कहा कि एक बार मौखिक रूप से समिति को काम शुरू करने को कहा गया था. वहीं सचिव ने बताया कि उन्होंने नोटिस तो तैयार किया है, लेकिन अब तक लाभुक समिति को सौंपा नहीं गया है. इससे स्पष्ट है कि पंचायत स्तर पर इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया गया. निकासी के बाद भी कोई निगरानी या कार्रवाई नहीं की गयी.
राशि मिलने के बावजूद काम ठप
1.05 लाख रुपये की निकासी के बावजूद बाउंड्री निर्माण कार्य का न होना गंभीर सवाल खड़े करता है. ना कार्य स्थल पर कोई गतिविधि देखी गयी और ना ही समिति द्वारा कोई काम दो सालों में किया गया. ऐसे में प्रशासनिक उदासीनता या समिति व पंचायत के बीच मिलीभगत की आशंका भी जतायी जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब निर्माण शुरू नहीं हुआ तो प्रशासन को पहल करनी चाहिए थी, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया.
500 बच्चों की सुरक्षा पर संकट
मध्य विद्यालय, पलासी में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या लगभग 500 है. बाउंड्री वॉल के अभाव में स्कूल परिसर असुरक्षित बना हुआ है. खुले परिसर में मवेशी व अन्य जानवर घुस जाते हैं, जिससे बच्चों के घायल होने का खतरा बना रहता है. शिक्षकों व अभिभावकों ने कई बार पंचायत से चहारदीवारी बनाने की मांग की, लेकिन केवल आश्वासन मिला.
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