Dhanbad News: कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) द्वारा एक अक्टूबर 2025 से लागू नये ई-नीलामी के नियमों को लेकर झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन (जीटा) ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है. जीटा ने सीआइएल को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि यदि नये नियम वापस नहीं लिये गये, तो एमएसएमइ और कोक उद्योग व्यवसायी कोयला उठाव बंद कर देंगे. जीटा के अध्यक्ष अमितेश सहाय और महासचिव राजीव शर्मा ने कहा कि सीआइएल द्वारा लागू तृतीय पक्ष नमूनाकरण, ग्रेड समायोजन के बाद अतिरिक्त भुगतान, बैंक गारंटी (बीजी/ई-बीजी) और इंडेम्निटी बॉन्ड की अनिवार्यता जैसे प्रावधान छोटे व्यापारियों के लिए असहनीय बोझ बन गये हैं. ग्रेड 7–10 दिन बाद बदलने से व्यापारी अपने ग्राहकों से मूल्य अंतर वसूल नहीं कर सकते. जिससे प्रति लॉट ₹ 800 से ₹ 2,000 तक का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि इससे छोटे उद्योगों पर वित्तीय दबाव बढ़ेगा और नीलामी में भागीदारी घटेगी. जीटा ने कहा कि यदि सीआइएल ने तत्काल इस नीति की समीक्षा कर नये नियम वापस नहीं लिये, तो बीसीसीएल से भी कोयला उठाव सीसीएल की तरह रोक दी जायेगी.
क्या हैं मांगें
कोयला उठाव के बाद तृतीय पक्ष नमूनाकरण की प्रक्रिया तत्काल समाप्त की जाये.
नीलामी से पहले ही कोयले का ग्रेड घोषित किया जाये.ईएमडी कटौती और अतिरिक्त बीजी/बॉन्ड की अनिवार्यता समाप्त की जाये.
नीति समीक्षा तक स्पॉट नीलामी अस्थायी रूप से निलंबित की जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

