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Dhanbad News: हर परिवार की सुरक्षा व सम्मान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता

केंदुआडीह कोलियरी क्षेत्र के राजपूत बस्ती में तीन दिसंबर की सुबह हुई गैस रिसाव की घटना के बाद बीसीसीएल पूरी तत्परता से राहत, बचाव और वैज्ञानिकीय निगरानी में जुटा है. सीएमडी मनोज अग्रवाल ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर परिवारों से बातचीत की.

वरीय संवाददाता, धनबाद

गैस रिसाव प्रभावित इलाके में प्रत्येक प्रभावित परिवार की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हमारी टीमें 24×7 काम कर रही हैं. समस्या के वैज्ञानिक निदान व पुनर्वास की प्रक्रिया तेज की गयी है. जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं होते, बीसीसीएल हर संभव सहायता देता रहेगा. उक्त बातें सोमवार को बीसीसीएल के सीएमडी मनोज अग्रवाल ने कही. ज्ञात हो कि केंदुआडीह कोलियरी क्षेत्र के राजपूत बस्ती में तीन दिसंबर की सुबह हुई गैस रिसाव की घटना के बाद बीसीसीएल पूरी तत्परता से राहत, बचाव और वैज्ञानिकीय निगरानी में जुटा है. सीएमडी मनोज अग्रवाल ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर परिवारों से बातचीत की. उन्होंने शेल्टर का निरीक्षण कर ठंड से बचाव के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा यह बेहद संवेदनशील स्थिति है. उन्होंने दोहराया कि राजपूत बस्ती आग व धंसान वाला घोषित क्षेत्र है. बार-बार लोगों को सुरक्षित रिहैबिलिटेशन साइट पर जाने की सलाह दी गयी थी. कंपनी, जिला प्रशासन और वैज्ञानिक संस्थानों की संयुक्त निगरानी में स्थिति को सामान्य करने का काम युद्धस्तर पर कर रही है.

पुराने भूमिगत गैलरियों से निकली रही गैस

शुरुआती तकनीकी आकलन से पता चला कि यह गैस पुराने भूमिगत खनन के बाद छोड़ी गयी गैलरियों से निकली है, जहां सीलबंद क्षेत्रों में गैस का दबाव बना हुआ था. दरारों के माध्यम से गैस सतह तक पहुंच गयी. माइन रेस्क्यू स्टेशन सर्वे ने कई घरों में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक पाया है.

37 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे :अब तक 44 लोगों ने सिरदर्द, सीने में भारीपन और सांस में जलन जैसे लक्षण बताये हैं. इनमें से 37 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है. सात का इलाज जारी है. एहतियात के तौर पर 45 से अधिक घरों के निवासियों को टेम्पररी शेल्टर में जाने की सलाह दी गयी है. रविवार की रात 300 से अधिक लोगों को भोजन तथा 36 लोगों को रात्रि आवास उपलब्ध कराया गया. जब तक हालात सामान्य नहीं होते, यह सेवा जारी रहेगी. एक शेल्टर चल रहा है, दो और हैं तैयारबीसीसीसी प्रबंधन ने बताया कि कंपनी ने राहत और मॉनिटरिंग की बड़ी व्यवस्था लागू की है. वर्तमान में 90 लोगों की क्षमता वाला शेल्टर संचालित है, जबकि दो और शेल्टर तैयार हैं, जिनमें 200-200 लोग रह सकते हैं. एनडीआरएफ व बीसीसीएल रेस्क्यू टीमों द्वारा संयुक्त सर्वे जारी है. धौड़ा, ओल्ड जीएम बंगला, मस्जिद के पास और राजपूत बस्ती में गैस की मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है. कुछ स्थानों पर सीओ का स्तर अत्यंत अधिक मिलाहै, ऐसे में लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी जा रही है.

इधर मेडिकल सुविधा के तौर पर कुस्तोर क्षेत्रीय चिकित्सालय में 30, मुनीडीह हॉस्पिटल में 20 और सेंट्रल हॉस्पिटल में 399 बेड तैयार रखे गये है. दिन-रात सेवा देने के लिए ऑक्सीजन सपोर्ट वाली छह एंबुलेंस और चार डॉक्टरों की विशेष टीम तैनात है. जबकि वैज्ञानिक उपायों में आइआइटी आइएसएम, सिंफर व सीएमपीडीआइ समेत विशेषज्ञ एजेंसियां गैस सैंपलिंग, मैपिंग और भू धंसाव का आकलन कर रही है. सरफेस सीलिंग, मृदा ब्लैंकेटिंग और कंट्रोल्ड ड्रिलिंग के माध्यम से गैस निकालने की प्रक्रिया जारी है.

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