राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सीएमपीएस-1998 के प्रावधानों के अनुसार अब तक हुए पेंशन संशोधनों की भी जानकारी मांगी. पूछा कि क्या 2005 से पहले रिटायर हुए पेंशनरों को 2,000 रुपये से भी कम मासिक पेंशन मिल रही है. इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाये हैं.
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने दिये जवाब
इस पर केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि सीएमपीएस -1998 एक तय अंशदान और तय लाभ वाली स्कीम है, जिसमें अंशदान की वर्तमान दरें लाभ के अनुरूप नहीं हैं. पेंशन फंड की स्थिरता का आकलन करने के लिए हर तीन साल में बीमांकक (एक्च्यूरी) द्वारा मूल्यांकन किया जाता है. उसी आधार पर पेंशन या अंशदान दर बढ़ाने की सिफारिशें की जाती है. लेकिन सीएमपीएफओ के ट्रस्टी बोर्ड में शामिल केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के विरोध के कारण पेंशन अंशदान बढ़ाने की बीमांकक की सिफारिशों को अब तक लागू नहीं किया जा सका है. बताया कि एक अक्टूबर 2017 से पेंशन फंड में अंशदान 4.91% से बढ़ाकर 14% कर दिया गया, बावजूद पेंशन फंड की आय, खर्च की तुलना में कम है. वहीं न्यूनतम मासिक पेंशन में संशोधन आठ मार्च 2024 को किया गया है.
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