प्रो विश्वजीत प्रधान ने तैयार किया है कोर्स :
इस कोर्स को प्रो विश्वजीत प्रधान ने तैयार किया है. वह खुद जियोइंफॉर्मेटिक और रिमोट सेसिंग क्षेत्र के अग्रणी वैज्ञानिक हैं. छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति और औद्योगिक अनुप्रयोगों की नयी दृष्टि देंगे. उन्होंने कहा जियोस्पेशियल टेक्नोलॉजी केवल डेटा संग्रहण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका उपयोग प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी और प्रबंधन में किया जाना चाहिए. आइआइटी आइएसएम के डिप्टी डायरेक्टर, प्रो धीरज कुमार ने जियोस्पेशियल इंटेलिजेंस को प्राकृतिक संसाधनों की खोज और प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण बताया. पाठ्यक्रम समन्वयक प्रो श्रीनिवास पसुपुलेटी के अनुसार, 10 दिनों तक चलने वाले इस कोर्स में 40 सत्र होंगे. इसमें कक्षा व्याख्यान और प्रयोगशाला प्रशिक्षण शामिल होंगे. प्रो प्रधान इस कोर्स संचालन में प्रमुख भूमिका निभायेंगे. यह पाठ्यक्रम छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए संसाधन प्रबंधन व आपदा प्रबंधन में नयी संभावनाओं के द्वार खोलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है