Dhanbad News: निरसा के लुआडीह गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में सोमवार को कथावाचक हिरण्यमय गोस्वामी ने प्रवचन में कहा कि भगवान राम, ध्रुव व प्रह्लाद भक्ति और दृढ़ता के प्रतीक हैं. इन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी भगवान की भक्ति में लीन होकर अपना जीवन व्यतीत किया और अपने जीवन को सार्थक किया. उन्होंने कहा कि ध्रुव ने अपनी सौतेली मां से अपमानित होने पर तपस्या से भगवान को प्रसन्न किया. भक्त प्रह्लाद ने पिता के अत्याचार के बावजूद भगवान की भक्ति नहीं छोड़ी. भगवान राम ने मर्यादा और सत्य के पथ पर चलते हुए अपने जीवन को सार्थक किया. उनका प्रेम, त्याग और समर्पण उनके भाइयों लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के प्रति था. उन्होंने हर मुश्किल में भाइयों के साथ खड़ा होकर उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया. भगवान राम के चरित्र से हमें सहनशीलता, धैर्य, दयालुता, नेतृत्व क्षमता, मित्रता और परिवार में समर्पण की सीख मिलती है.
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