नये ओपीडी के अलावा चिकित्सा सुविधाओं का व्यापक नवीनीकरण भी चल रहा है. साथ ही चिकित्सा सेवाओं के उन्नयन के लिए बीसीसीएल प्रबंधन कॉरपोरेट अस्पतालों के साथ सहयोग की संभावनाएं तलाश रहा है. इस संबंध में फॉर्टिस व मेडिका जैसे प्रतिष्ठित अस्पताल समूहों से बातचीत जारी है, ताकि सेंट्रल अस्पताल को उच्चस्तरीय संसाधनों, तकनीक और प्रबंधन का लाभ मिल सके. मामसे में बीसीसीएल के सीएमडी मनोज अग्रवाल ने बताया कि कोलकर्मियों के साथ स्थानीय लोगों को बेहतर और किफायती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. सेंट्रल अस्पताल को कॉरपोरेट स्तर पर विकसित करने के दिशा हमारा प्रयासरत जारी है. सेंट्रल अस्पताल को पुनः उसकी पुरानी पहचान और प्रतिष्ठा दिलाने के लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं. उन्नत चिकित्सा सेवाओं के लिए कॉरपोरेट अस्पतालों के साथ सहयोग की संभावनाएं भी तलाशे जा रहे है. बता दें कि एक समय धनबाद का प्रमुख चिकित्सा केंद्र माना जाने वाला बीसीसीएल का सेंट्रल अस्पताल अब मुख्यतः रेफरल अस्पताल के रूप में सीमित हो गया है. मगर प्रबंधन की नई पहल से अस्पताल में आधुनिक ढांचागत विकास, विशेषज्ञ सेवाओं का विस्तार और अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश होने की संभावना है. इसके साथ ही अस्पताल को फिर से क्षेत्र का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र बनाने की दिशा में उम्मीदें एक बार फिर बढ़ गयी हैं.
डॉक्टर्स व स्टाफ की कमी भी होगी दूर
बीसीसीएल प्रबंधन के मुताबिक अस्पताल में डॉक्टर व पारा मेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने के दिशा में भी कंपनी तेजी से काम कर रही है. इसके अलावा अस्पताल में कर्मचारियों एवं मरीजों के परिजनों के लिए एक आधुनिक विश्राम गृह का निर्माण किया जा रहा है. वहीं अगस्त 2025 में 16-बिस्तरों वाला नया सर्जिकल आईसीयू वार्ड भी शुरू किया गया, जिससे गंभीर मरीजों के उपचार की क्षमता में वृद्धि हुई है. बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप अस्पताल को आइएसओ प्रमाणन भी प्राप्त हुआ है. साथ ही, डीएनबी सीटों में बढ़ोतरी के साथ अस्पताल को चिकित्सा शिक्षा का केंद्र बनाने की दिशा में प्रगति जारी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

