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PK Mishra in Dhanbad: प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ पीके मिश्रा ने कहा है कि विकसित भारत के लिए युवा खुद को बदलें. खुद को बदलकर ही देश को उन्नति की राह पर ले जा सकते हैं. आइआइटी आइएसएम के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए पीएम के प्रधान सचिव ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि संस्थान ने देश के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास में ऐतिहासिक योगदान दिया है.
पीएम मोदी का मूल मंत्र- रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म
वर्चुअल रियलिटी लैब, एआर-वीआर सेंटर से लेकर जनजातीय विरासत पर आधारित प्रदर्शनी तक, उन्होंने नये प्रयासों और नवाचार संस्कृति की सराहना की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मूल मंत्र है- रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म. स्थिर सोच से विकास रुक जाता है. इसलिए निरंतर खुद को रिइन्वेंट करना ही विकसित भारत का मार्ग है.
- रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म है पीएम नरेंद्र मोदी का मूल मंत्र
- खुद को बदल कर ही युवा विकसित भारत का करें निर्माण
- स्थिर सोच से रुक जाता है विकास, हमेशा नया सोचें
- भारत दुनिया की स्थिर और विश्वसनीय अर्थव्यवस्थाओं में
लक्ष्य स्पष्ट हो, तो हर प्रयास राष्ट्र निर्माण में भागीदार – पीके मिश्र
पीके मिश्र ने कोविड, वैश्विक संकट और सप्लाई चेन की बाधाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि चुनौतियों के बीच भी भारत आज दुनिया की स्थिर और विश्वसनीय अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. उन्होंने कहा कि लक्ष्य स्पष्ट हो, तो हर प्रयास राष्ट्र-निर्माण की दिशा में बदल जाता है.
PK Mishra in Dhanbad: पीएम की सोच है 4 एस – मिश्र
डॉ मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है 4 एस- स्कोप, स्केल, स्पीड और स्किल. इसी का इस्तेमाल कर वो भारत की आधुनिक विकासधारा को आगे बढ़ाना चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऊंचा सोचें और अपने सपने को बड़ा रखें. उसके बाद अपने स्पीड के साथ अपने स्किल पर काम करें. उन्होंने आयुष्मान भारत, तकनीक में डिजिटल इंडिया, ऊर्जा में ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और अंतरिक्ष में चंद्रयान-3 जैसे मिशन की नयी ऊंचाइयों का उल्लेख किया.
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देश को नयी ऊंचाई तक पहुंचा रहा आईआईटी धनबाद – पीके मिश्र
पीएम के प्रधान सचिव ने कहा कि आईआईटी धनबाद देश को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहा है. टेक्नोलॉजी आधारित गवर्नेंस, क्वांटम और अंतरिक्ष तकनीक, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भारत की भविष्य-शक्ति बताते हुए कहा कि आईआईटी (आइएसएम) को क्रिटिकल मिनरल्स, एआई, सतत विकास और समाज-हितैषी तकनीकों पर शोध को और गति देनी चाहिए.
देश के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका – मिश्र
उन्होंने देश के विकास में महिलाओं की भूमिका को अहम बताया. उन्होंने महिला नेतृत्व की अवधारणा की सराहना की. कहा कि सपनों को देश और समाज से जोड़कर चलेंगे, तो आपकी यात्रा भी महान होंगी और परिणाम भी.
शताब्दी वर्ष उत्सव नहीं, जिम्मेदारियों का नया अध्याय : निदेशक
आईआईटी आईएसएम के निदेशक प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा ने स्वागत भाषण में कहा कि शताब्दी वर्ष केवल उत्सव नहीं, संस्थान की जिम्मेदारियों का एक नया अध्याय है. संस्थान आने वाले समय में माइनिंग 4.0, डिजिटल टेक्नोलॉजी, क्लीन एनर्जी, सस्टनेबिलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्रिटिकल मिनरल रिसर्च जैसे क्षेत्रों में देश का नेतृत्व करेगा. यह गौरवशाली यात्रा का उत्सव है. वर्ष 1926 में माइनिंग संस्थान के रूप में शुरू हुआ यह संस्थान आज मल्टी-डिसिप्लिनरी प्लेटफॉर्म बन चुका है. दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है.
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