Dhanbad News : महुदा क्षेत्र के राजा गढ़ जामडीहा राजबाड़ी में सन् 1800 ईस्वी से राजशाही ढंग से मां काली की पूजा होती आ रही है. क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र है यह. यहां बलि की प्रथा है और लगभग 200 से अधिक बकरे की बलि के साथ-साथ भैंसे (काड़ा) की भी बलि दी जाती है. वर्तमान में इस पूजा का आयोजन ठाकुर अमित कुमार सिंह के नेतृत्व में पूजा कमेटी कर रही है. पूजा के अंतिम दिन लगने वाले मेले की भी तैयारी चल रही है. इस पूजा व मेले में लोहापट्टी, तेलमच्चो व कांड्रा पंचायत के सभी गांवों के लोग मां के दर्शन करने आते हैं. ठाकुर अमित कुमार सिंह ने बताया कि सन 1800 ई. में हमारे पूर्वज ठाकुर रंजीत नारायण सिंह यहां आये थे. वही यहां के राजा थे. उनके बाद उनके तीन पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र ठाकुर कृष्णा प्रसाद सिंह ने राजपाट संभाला. उनके भी तीन पुत्र थे. ठाकुर अंबिका प्रसाद सिंह, ठाकुर अजीत प्रसाद सिंह तथा ठाकुर अनिल प्रसाद सिंह. ठाकुर अंबिका प्रसाद सिंह के निधन के बाद उनका कोई पुत्र नहीं रहने के कारण मंझला भाई ठाकुर अजित पसाद सिंह के पुत्र ठाकुर किशोर प्रसाद सिंह को राजा की पगड़ी पहनायी गयी. उनके दो पुत्र हैं. बड़ा ठाकुर अमित कुमार सिंह तथा ठाकुर अभ्याष सिंह हैं. वर्तमान में बड़े पुत्र ठाकुर अमित कुमार सिंह पर जामडीहा गढ़ राजबाड़ी की जिम्मेवारी है. यहां के पूजारी गणेश आचार्य ने बताया कि यहां मां के मंदिर से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटते.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

