नवल विहान के वार्षिकोत्सव में 60 रचनाकारों ने बहायी काव्य धारा
उप मुख्य संवाददाता,धनबाद.
कविता जीवन की एक समीक्षा है. यह उस सरिता की तरह है जो अपने प्रवाह में हृदय की संवेदनाओं को शब्दों में प्रस्फुटित करती है. वहीं साहित्य हमेशा देश, दुनिया ओर समाज को आईना दिखाता है. उक्त बातें सोमवार को धैया आमंत्रण ग्रीन में आयोजित नवल विहान साहित्य कला सांस्कृतिक मंच के द्वितीय वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि पूर्व आइएएसअधिकारी सह कवि श्रीराम दूबे कही. इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्रीराम दूबे व विशिष्ट अतिथि डॉ के विश्वास व अन्य अतिथियों ने किया. कार्यक्रम में झारखंड व दूसरे राज्यों से आये लगभग 60 रचनाकारों ने भाग लिया.
डॉ संगीता नाथ के गजल ने बांधा समां
इस दौरान वरीय कवयित्री डॉ संगीता नाथ ने अपनी गजल से समां बांध दिया. उन्होंने अपनी गजल ””कुछ जवां फसाने हैं इक हसीं कहानी है, मोगरे की खुशबू सी मुख्तसर जवानी है…,अब भला सुकूं कैसा उड़ी है नींद रातों की, घर में हो रही जब से बेटियां सयानी हैं”” सुनाकर उपस्थित रचनाकारों व श्रोताओं को वाहवाली लूटी. वहीं मुख्य अतिथि श्रीराम दुबे ने पतझड़ से ही मधुमासों की वनिता निकला करती है.. कविता सुनायी. विशिष्ट अतिथि डॉ के विश्वास ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है. कोयलांचल में इतने साहित्यकारों का जुटाना संस्था की सार्थक पहल है. संस्था के अध्यक्ष बरनवाल मनोज अंजान ने संस्था के क्रियाकलापों पर प्रकाश डाला. सचिव डॉ मुकुंद रविदास व महाप्रबंधक श्याम किशोर प्रसाद ने भी संबोधित किया.
रचनाकारों की प्रस्तुति पर खूब बजी तालियां
कववित्री पूनम देवी पृथा ने तुम गाओ अगर गीत तो मैं तराने लिखूंगी.., कवयित्री अंशुल नरूलावो ने कहते हैं चांद में दाग है.., संगीता श्रीवास्तव ने इतने वर्षों बाद भी नारी नर अधीन है…, डॉ अरविंदर कौर ने सोचा था उमर ढलने पर जानेंगे बहुत कुछ.. कविता का पाठ किया. श्रोताओं ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया.छह पुस्तक का हुआ विमोचन
इस अवसर पर अतिथियों ने संस्था की पुस्तक सृजन प्रवाह, डल जल रहा है उपन्या, दो दीप उपन्या, साक्षा संकलन समेत छह पुस्तकों का विमोचन किया. कार्यक्रम में रचनाकार स्नेहप्रभा पांडे, सरिता पांडे, ममता पांडे, मंजू शरण मंजूल, मिनाक्षी राय, गीता कुमारी गुस्ताख, सुमन मिश्रा आदि ने भी रचनाएं प्रस्तुत कीं.काव्य रचना प्रतियोगिता भी हुई
मौके पर काव्य रचना प्रतियोगिता भी हुई. इसमें तीन मिनट के अंदर जिनकी बेहतरीन प्रस्तुति हुई उनका चयन किया गया. निर्णायक मंडली में दिनेशचंद्र गुप्ता रविकर, डाॅ आशा पुष्प व संजय सिंह चंदन शामिल थे. तीन रचनाकारों को कैश अवार्ड दिया गया. वहीं दिवंगत कवयित्री प्रियदर्शनी पुष्षा के नाम से कैश अवार्ड दिया गया. मौके पर ब्रह्मदेव बरनवाल, सुरेश प्रसाद, जानकी देवी, मंजू बरनवाल सिम्मी नाथ, अनंत महेंद्र आदि थे. कविता ने मंच संचालन किया.
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