धनबाद जिला में ट्रैफिक नियंत्रण के लिए 118 पुलिस के जवान व अधिकारी तैनात हैं. धनबाद नगर निगम क्षेत्र में डीएमएफटी मद से 13 स्थानों पर ट्रैफिक लाइट लगाने की योजना बनी. लेकिन, इसे एंस्टाल कौन करेगा तथा इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी कौन संभालेंगे. इस पर नगर निगम, जिला प्रशासन एवं पुलिस के बीच जिच बरकरार है. यह योजना आगे नहीं बढ़ पा रही है.
2010 में पहली बार लगी लाइट, आठ दिन में ही हुई खराब
वहीं झारखंड के पहले मिलेनियम सिटी धनबाद में अब भी जवान हाथ रोक कर. ऐसे में वर्ष 2010 में नेशनल गेम्स के दौरान तीन स्थानों पर ट्रैफिक लाइटें लगी थी. लेकिन, यह केवल आठ दिन ही चली. एक बार खराब हुई तो दुबारा शुरू नहीं हो पायी. ट्रैफिक लाइट लगाने के लिए कई बार योजनाएं बनीं. लेकिन, एंस्टाल एवं मेटेंनेंस को लेकर यहां नगर निगम, पुलिस एवं जिला प्रशासन के बीच जिच बना हुआ है. इस कारण योजनाएं आगे नहीं बढ़ पा रही हैं.ट्रैफिक लाइट का इंतजार कब तक करेगा धनबाद
पिछले डेढ़ दशक के दौरान धनबाद में कई बार ट्रैफिक लाइट सिस्टम लागू करने की कई बार योजनाएं बनीं. परंतु कभी भी योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पायीं. वर्ष 2018 में नगर निगम ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत छह प्रमुख चौराहों पर लाइट लगाने की योजना बनाई थी. लेकिन, बजट, टेंडर प्रक्रिया और प्रशासनिक बदलावों के कारण काम अधूरा रह गया. फिर 2024 में धनबाद जिला में 20 स्थानों पर ट्रैफिक लाइट लगाने की योजना बनी. तय हुआ कि ट्रैफिक लाइट एवं सीसीटीवी लगाने के लिए डीएमएफटी मद से 31 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. स्थल चयन जिला प्रशासन, पुलिस एवं नगर निगम को करनी है. जबकि इसके एंस्टॉलेशन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गयी. हालांकि, निगम प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं है.कहां-कहां लगनी हैं ट्रैफिक लाइट
वर्ष 2024 में तय हुआ था कि सिटी सेंटर चौक, रणधीर वर्मा चौक, बिरसा मुंडा चौक, बैंक मोड़, मेमको मोड़, चंद्रशेखर आजाद चौक, श्रमिक चौक, स्टील गेट चौक, गोल बिल्डिंग चौराहा आदि प्रमुख स्थलों पर ट्रैफिक लाइट्स लगाने की योजना थी.एसएसपी प्रभात कुमार से सवाल-जवाब
सवाल : धनबाद के लोगों को ट्रैफिक जाम से निजात के लिए बनीं योजनाएं क्यों नहीं उतर पा रही धरातल पर ?उत्तर : धनबाद में ट्रैफिक सिग्नल लाइट लगाना प्राथमिकता में शामिल है. इसे लेकर पिछले दिनों डीसी, बीसीसीएल के अधिकारी व नगर आयुक्त के साथ बैठक हुई थी. इसके बाद विस्तृत प्लान बनाया गया है. ट्रैफिक सिग्नल, सीसीटीवी कैमरा कहां लगाया जाये, इस पर काम हो चुका है.सवाल : क्या ट्रैफिक नियमों की ट्रेनिंग के लिए यहां से पुलिस जवानों को कोलकाता भेजा गया.उत्तर : इसकी जानकारी मुझे नहीं है, लेकिन अभी जो भी जवान व पदाधिकारी ट्रैफिक में पदस्थापित हैं, उन्हें बीच-बीच में ट्रेनिंग दी जा रही है. मैं स्वयं माह में एक बार पुलिस लाइन में उनलोगों को ब्रीफ करता रहता हूं.सवाल : क्या शहर के रांगाटांड़, मेमको मोड़, स्टील गेट सहित अन्य स्थानों पर ट्रैफिक लाइट लगाने को लेकर सर्वे हुआ है. अगर हुआ है तो क्या है फिजिबिलिटी रिपोर्ट.उत्तर : इस पर काम किया जा रहा है.
सवाल : शहर के कई स्थानों पर जेब्रा क्रॉसिंग बनाना था, उसका क्या हुआ.उत्तर : अगली बार सड़क सुरक्षा की बैठक में इस बात को रखा जायेगा. उम्मीद है कि उसे फिर से बनाया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

