आइआइटी आइएसएम व सिंफर को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से नगर निगम सीधे जलापूर्ति करायेगा. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से आइएसएम व सिंफर तक अलग से पाइप लाइन बिछायी जायेगी. इसपर जो खर्च होगा, उसका भुगतान संबंधित संस्थान करेगा. डेडिकेटेड संयोजन लेनेवाले संस्थानों से नगर निगम संस्थागत दर पर जलकर लेगा, जो घरेलू उपभोक्ता से अधिक होगा. सोमवार को नगर आयुक्त ने बड़े संस्थागत जल उपभोक्ताओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. नगर आयुक्त रविराज शर्मा ने बताया कि आइएसएम ने अपनी बढ़ती खपत के लिए डेडिकेटेड पाइपलाइन के लिए आवेदन किया है. इस पर तकनीकी विश्लेषण उपरांत पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल द्वारा एस्टीमेट को संस्था को भेजा जा चुका है. सिंफर ने भी इसी तर्ज पर अगले 20 सालों की खपत के अनुमान पर आवेदन दे कर डेडिकेटेड जल संयोजन मांगा है. बैठक में आये रेलवे के प्रतिनिधि को भी डेडिकेटेड लाइन लेने का निर्देश दिया गया है. नगर आयुक्त श्री शर्मा ने बताया कि बड़े संस्थाओं को डेडिकेटेड संयोजन देने से शहर के जलमीनारों का लोड घटेगा. इससे घरेलू उपभोक्ताओं को अधिक पानी मिलेगा और कम प्रेशर की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी. बैठक में नगर आयुक्त रवि राज शर्मा के अलावा, सहायक नगर आयुक्त (जलापूर्ति शाखा), अधीक्षण अभियंता (पेयजल स्वच्छता प्रमंडल), रेलवे के अभियंता, आई एस एम के डीएसइ, सिंफर के प्रतिनिधि व बीसीसीएल के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे.
क्या है डेडिकेटेड पाइप लाइन :
डेडिकेटेड पाइपलाइन को विशिष्ट उद्देश्य के लिए डिजाइन किया जाता है. यह पाइपलाइन किसी विशेष संसाधन या सेवा को ले जाने के लिए बनायी जाती है. धनबाद रेलवे डिवीजन के आये अभियंताओं को अविलंब जल विपत्र भुगतान करने को भी कहा गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है