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Health News: क्यों होती है न्यूरोमस्कुलर डिसफंक्शन की समस्या, डॉ संजय ने SNMMCH धनबाद के कार्यक्रम में दी जानकारी

एसएनएमएमसीएच धनबाद के एक कार्यक्रम में डॉ प्रो संजय कुमार पांडेय ने कहा कि न्यूरोमस्कुलर डिसफंक्शन बुजुर्गों की एक आम समस्या है. शारीरिक क्षमता में कमी के कारण ये समस्या होती है.

धनबाद : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) धनबाद में शनिवार को कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (सीएमई) का आयोजन किया गया. मेडिकल कॉलेज के लेक्चर थियेटर में आयोजित सीएमइ में बतौर मुख्य वक्ता पटना एम्स के फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ प्रो संजय कुमार पांडेय शामिल हुए. जिसमें उन्होंने ”वृद्ध व्यक्ति में न्यूरोमस्कुलर डिसफंक्शन एक आम समस्या है” विषय पर आधारित सीएमइ में उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की. बताया कि वृद्धावस्था में शारीरिक क्षमता में कमी के कारण न्यूरोमस्कुलर डिसफंक्शन होता है. इस दौरान पार्किंसंस रोग, अल्जाइमर रोग और स्ट्रोक जैसे न्यूरोलॉजिकल विकार की संभावनाएं बढ़ जाती है.

कैसे छुटकारा पा सकते हैं न्यूरोमस्कुलर डिसफंक्शन की समस्या से

पटना एम्स के डॉ प्रो संजय कुमार पांडेय ने कहा कि मांसपेशियों की कमजोरी और शारीरिक गतिविधि में कमी आती है. हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस की शिकायत होती है. पुनर्वास के माध्यम से न्यूरोमस्कुलर डिसफंक्शन की समस्या का समाधान किया जा सकता है. इससे पूर्व कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ एसके चौरसिया ने किया. मौके पर ऑर्थो विभाग के एचओडी डॉ डीपी भूषण, मेडिसिन के डॉ यूके ओझा, डॉ एमके दुबे, डॉ सुनील कुमार, डॉ मकरध्वज प्रसाद, डॉ चंद्रशेखर सुमन समेत अन्य विभागों के चिकित्सक व मेडिकल स्टूडेंट्स मौजूद थे.

इन उपायों से बचाव संभव

डॉ प्रो संजय कुमार पांडेय ने बताया कि भौतिक चिकित्सा के माध्यम से मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा व्यावसायिक चिकित्सा के माध्यम से दैनिक गतिविधियों में सुधार किया जा सकता है. वाणिज्यिक प्रशिक्षण के माध्यम से वृद्ध व्यक्तियों को स्वतंत्र रूप से रहने में मदद की जा सकती है. सामाजिक समर्थन के माध्यम से वृद्ध व्यक्तियों को भावनात्मक समर्थन प्रदान किया जा सकता है.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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