भाई-बहनों ने कहा नक्सली बनने के बाद प्रयाग से नहीं था कोई नाता Dhanbad News: 21 अप्रैल को ललपनिया में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली एरिया कमांडर प्रयाग मांझी का शव लेने कोई परिजन नहीं गये. चार दिनों तक इंतजार के बाद शुक्रवार को गोमिया पुलिस नक्सली प्रयाग मांझी के परिजनों की खोज में टुंडी प्रखंड के मनियाडीह थाना क्षेत्र के नवाटांड पहुंची.
प्रयाग मांझी कभी नवाटांड़ के समीप दलूगोडा में रहता था. जानकारी के अनुसार गोमिया थाना के इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार और जागेश्वर विहार के थाना प्रभारी की टीम मनियाडीह पुलिस के साथ दलूगोड़ा पहुंची. इसके पूर्व नवाटांड़ भी गयी, जहां उसकी बहन मंगोली देवी, बहाली देवी, भाई पूरण और सुखराम मरांडी से मिले और पूछताछ की. लेकिन पुलिस को इनसे कोई विशेष जानकारी नहीं मिली.बहनोई ने कहा : आयी थी
पुलिस
परिजनों का कहना था कि जब से प्रयाग माओवादी संगठन में गया था, तब से उससे कोई रिश्ता नहीं रहा और न कोई जानकारी ही है. नवाटांड़ के ही रामलाल मुर्मू जो प्रयाग के रिश्ते में बहनोई हैं ने बताया कि पुलिस आयी थी. पूछताछ की और लौट गयी. बताया कि उनका गांव नवाटांड़ फतेहपुर पंचायत में है, जबकि दलूगोड़ा जाताखूंटी पंचायत में पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है