Dhanbad News : रामकनाली ओपी अंतर्गत बुट्टू बाबू बंगला क्षेत्र में शुक्रवार सुबह 10 बजे के करीब अचानक गोफ बन जाने से वहां के एक ही परिवार के आधा दर्जन घर जमींंदोज हो गये. इसमें एक दर्जन मवेशी समा गये. इनके अलावा विजय यादव, सुनील कुमार, रूखी कुमारी व लालू यादव भी उसमें दब गये, पर लोगों ने उन्हें बाहर निकाल लिया. इस घटना में वो घायल हो गये. डेंजर जोन घोषित इस इलाके में इस घटना के बाद वहां अफरातफरी मच गयी. घटना में लाखों की संपत्ति जमींदोज हो गयी. बताया जाता है कि नागेश्वर यादव व कारू यादव के मवेशी व घर के के सामान जमींदोज हो गये हैं. नागेश्वर यादव ने बताया कि उनकी दो दुधारू गाय व घर में रखे गये गहने गोफ में समा गये. उन्होंने पांच लाख रुपये से अधिक के नुकसान की बात कही है. कारू यादव के अनुसार उनकी पांच दुधारू गाय सहित अन्य सामान जमींदोज हो गये. घटना को लेकर लोगों दहशत व आक्रोश है. लोगों ने आरोप लगा कि इलाके में अवैध खनन के कारण इस तरह की घटनाएं घट रही हैं. प्रबंधन पुनर्वास की व्यवस्था नहीं कर रहा है. ऐसे में यहां रहना जोखिम से कम नहीं है.
गोफ में लोगों के दबने की फैली अफवाह
बुट्टू बाबू बंगला में बने गोफ में दर्जनों लोगों के दबने की अफवाह भी खूब रही, लेकिन गोफ स्थल से कुछ भी नहीं निकला. किसी अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि नहीं की. दरअसल गोफ स्थल पर मुंडा धौड़ा के ही चार लोग दबे थे, जिसे बाहर निकाल लिया गया. सभी का इलाज निकट के अस्पताल में कराया गया.चार जुलाई को भी हुई थी धंसान, पुनर्वास को लेकर हुई थी वार्ता
गत चार जुलाई को भी बुट्टू बाबू बंगला मुंडा धौड़ा के पास भू-धंसान की घटना घटी थी. तब गिरिडीह सांसद सीपी चौधरी पहुंचे थे और अवैध खनन पर रोक लगाने व यहां के लोगों के पुनर्वास का निर्देश बीसीसीएल प्रबंधन को दिया था. इसके बाद प्रबंधन ने रामकनाली ओपी में त्रिपक्षीय वार्ता की थी. उसमें काफी हंगामे के बाद जगह चयनित किया गया. उसमें कुछ लोगों को भेजा गया था, पर बाकी यहीं पर रह रहे हैं. पुनर्वास को लेकर जगह को लेकर काफी जिच चल रही है.डेंजर है इलाका, पर नहीं हो पाया है पुनर्वास
बुट्टू बाबू बंगला इस इलाके की पहचान थी. कुछ माह पहले ही बीसीसीएल ने खंडहरनुमा बंगले को परियोजना विस्तार के लिए अपने अधीन ले लिया. इसके बाद से अंगारपथरा कांटा पहाड़ी की परियोजना का विस्तार शुरू किया गया. डेंजर जोन स्थित बुट्टू बाबू बंगला अवैध खनन व दूसरा परियोजना के विस्तार से यह इलाका खतरनाक हो चुका है. लेकिन अब तक बीसीसीएल यहां के लोगों का पुनर्वास नहीं कर पायी है. जानकारों के अनुसार यहां से लोगों को नहीं हटाया गया, तो किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
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