आइआइटी आइएसएम धनबाद के शताब्दी स्थापना सप्ताह के छठे दिन सोमवार को शिक्षा, तकनीक, संस्कृति और नवाचार का अद्भुत संगम देखने को मिला. आज दिन का मुख्य आकर्षण पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी “भविष्य को ऊर्जा देना: वैश्विक ऊर्जा संक्रमण का मार्ग” का सफल समापन रहा. कार्यक्रम पेनमैन प्रेक्षागृह में आयोजित हुआ. उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष प्रो प्रेम व्रत ने की. उन्होंने कहा कि आइआइटी आइएसएम ने सौ वर्षों में ऊर्जा शिक्षा में अद्वितीय नेतृत्व स्थापित किया है. अब सौर ऊर्जा व सतत प्रौद्योगिकी जैसे नये क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है.
वहीं मुख्य अतिथि ओएनजीसी के निदेशक (अन्वेषण) ओम प्रकाश सिन्हा ने वैश्विक ऊर्जा बदलाव के बीच देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए तकनीक आधारित सतत अन्वेषण पर बल दिया. संस्थान के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्र ने उद्योग और शिक्षण जगत के बीच सहयोग को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता बतायी. कहा कि कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण (सीसीयूएस), अपरंपरागत ऊर्जा स्रोत तथा डिजिटल भंडार इंजीनियरी भविष्य की ऊर्जा व्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभाएंगे.तकनीकी सत्रों में उभरती शोध दिशाएं
दिनभर चले तकनीकी सत्रों में पेनसिल्वेनिया राज्य विश्वविद्यालय, ओएनजीसी, गेल, भारतीय पेट्रोलियम व अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने शोध व अनुभव साझा किये. इन सत्रों में उन्नत भंडार प्रबंधन, ऊर्जा संक्रमण की रणनीतियां, हाइड्रोजन तथा हरित ऊर्जा नवाचारों पर चर्चा हुई. समानांतर प्रस्तुतियों में शोधार्थियों ने अत्याधुनिक परियोजनाओं का परिचय कराया. इन्हैंस्ड कोल-बेड मीथेन पर आयोजित विशेष कार्यशाला ने स्वच्छ अपरंपरागत गैस के दोहन की नयी तकनीकों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया. अंत में आयोजित पैनल डिस्कशन में विशेषज्ञों व नीति निर्माताओं ने ऊर्जा जरूरतों व पर्यावरणीय दायित्वों के संतुलन का मार्ग सुझाया.स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में नवाचार की नई उड़ान
इधर केंद्रीय पुस्तकालय में स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की शुरुआत हुई. देश के विभिन्न राज्यों से आये लगभग 160 प्रतिभागी 36 घंटे के नवाचार मैराथन में वास्तविक समस्याओं के समाधान तैयार कर रहे हैं, जिनका मूल्यांकन विशेषज्ञ मंडल द्वारा किया जायेगा. विजेता टीम को एक लाख 25 हजार रुपये का पुरस्कार मिलेगा.
छात्रों, समुदाय और पूर्व छात्रों की सहभागिता
कैंपस दिन भर विभिन्न गतिविधियों से सराबोर रहा. मॉडल प्रदर्शन, डिजाइन प्रतियोगिताएं, बहस और क्विज आदि कार्यक्रम आयोजित किये गये. कर्तव्य और कर्मज्योति संस्थाओं के सहयोग से अनाथ बच्चों के लिए भी संवादात्मक गतिविधियां आयोजित की गयी. शाम को पूर्व छात्र जिमखाना मैदान में मैत्री खेल प्रतियोगिताओं में शामिल हुए.
मोहन वीणा की सुरमई शाम और धनबाद का पहला ड्रोन शो
शाम को पेनमैन प्रेक्षागृह पद्म भूषण एवं ग्रैमी पुरस्कार विजेता पंडित विश्व मोहन भट्ट की मनमोहक मोहन वीणा प्रस्तुति से गुंजायमान हो उठा. स्पिक मैके के सहयोग से आयोजित यह कार्यक्रम शताब्दी समारोह के अनुरूप अत्यंत गरिमामयी रहा. इसके बाद जिमखाना मैदान में धनबाद का पहला ड्रोन शो आयोजित हुआ. सैकड़ों ड्रोन ने आकाश में संस्थान की सौ वर्षीय यात्रा, उपलब्धियों और भविष्य की आकांक्षाओं को रोशन आकृतियों के रूप में उकेरा. दर्शकों ने इस ऐतिहासिक दृश्य का भरपूर आनंद लिया.
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