धनबाद.
आइआइटी आइएसएम में शुक्रवार से ‘वॉटर नेक्सस 2025 : सतही और भूजल संसाधनों को जोड़ना, उपयोग और प्रबंधन’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हो गयी. इसका आयोजन सिविल इंजीनियरिंग विभाग और राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान के सहयोग से सर एम विश्वेश्वरैया संगोष्ठी कक्ष में हुआ. इसमें देशभर के प्रमुख शोधकर्ता, शिक्षाविद, नीति निर्माता और विशेषज्ञ जल प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. चर्चा के मुख्य विषयों में जल संसाधनों का एकीकृत प्रबंधन, सतत नीति और शासन, नदी पुनर्जीवन, जल गुणवत्ता आकलन में नवाचार तथा हाइड्रोलिक व हाइड्रोलॉजिक मॉडलिंग में प्रगति शामिल हैं.संगोष्ठी को ज्ञान-विनिमय का साझा मंच बताया.
मुख्य अतिथि व आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने उद्घाटन भाषण में स्थानीय और वैश्विक दृष्टिकोण के बीच संतुलन बनाकर जल संसाधनों के कुशल उपयोग पर बल दिया. उन्होंने ‘जल और प्रकाश’ के टकराव की अवधारणा का उल्लेख करते हुए इंटरनेशनल सोलर एलायंस का उदाहरण दिया. विभाग को ऐसे विषय पर संगोष्ठी आयोजित करने के लिए सराहा. वहीं सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीनिवास पसुपुलेटी ने संगोष्ठी के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए इसे ज्ञान-विनिमय और समाधान खोजने का साझा मंच बताया. संगोष्ठी संयोजक प्रो. रेनू वी. ने प्रतिभागियों का स्वागत किया. बताया कि देश के विभिन्न आइआइटी के कई प्रतिष्ठित प्रोफेसर इसमें भाग ले रहे हैं. प्रो. किरोनमाला चंदा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. संगोष्ठी के दूसरे दिन तकनीकी सत्रों, पैनल चर्चाओं और प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा.
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