शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में एमबीबीएस छात्रों को आधुनिक तकनीक के जरिए मेडिकल शिक्षा प्रदान करने की तैयारी है. इसके लिए अत्याधुनिक एनाटॉमी डिसेक्शन मशीन खरीदी जायेगी. बुधवार को पुणे की कंपनी ने मशीन का डेमोंस्ट्रेशन दिया. अधीक्षक सह प्रभारी प्राचार्य डॉ डीके गिंदौरिया, एनाटॉमी व विभिन्न विभागों के एचओडी ने डेमोंस्ट्रेशन देखा. एसएनएमएमसीएच प्रबंधन जल्द ही अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य मुख्यालय को सौंपेगी. सब कुछ ठीक रहा तो स्वास्थ्य मुख्यालय के माध्यम से मशीन की खरीदारी की जायेगी.
शरीर की संरचना व अंगों के अध्ययन को मिलेगी नयी दिशा
यह मशीन मेडिकल छात्रों को मानव शरीर की संरचना व अंगों के अध्ययन में नई दिशा देगी. एनाटॉमी विभाग के चिकित्सकों के अनुसार यह मशीन वर्चुअल डिसेक्शन टेबल की तरह काम करती है. इसमें पूरे मानव शरीर का थ्री-डी दृश्य उपलब्ध रहता है. किसी भी अंग या हिस्से को अलग-अलग स्तरों पर काटकर देखा जा सकता है, जैसे वास्तविक शव पर डिसेक्शन किया जा रहा हो. इससे छात्रों को बिना किसी स्वास्थ्य जोखिम के हर संरचना को बारीकी से समझने का मौका मिलेगा.
मॉडर्न टेक्नोलॉजी से बदलेगा शिक्षण का तरीका
वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में एनाटॉमी की पढ़ाई पारंपरिक तरीके से की जाती है. इसमें छात्रों को शव (कैडवर) पर ही अध्ययन व अभ्यास कराना होता है. नई डिसेक्शन मशीन से छात्रों को डिजिटल मॉडल और थ्री-डी एनिमेशन के माध्यम से मानव शरीर की जटिल संरचनाओं को देखने और समझने का अवसर मिलेगा.एमबीबीएस के साथ पीजी के छात्रों को होगा लाभ
एसएनएमएमसीएच में इस मशीन के आने से एमबीबीएस छात्रों के साथ पीजी स्तर के विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा. डॉक्टरी की पढ़ाई में एनाटॉमी सबसे महत्वपूर्ण विषय होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

