तकनीकी उपायों को अपनाने पर दिया गया जोर
कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक
डीजीएमएस के डीजी उज्जवल ता खान रहे मुख्य अतिथि
वरीय संवाददाता, धनबाद
कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड की बैठक सोमवार को कोलकाता स्थित कंपनी मुख्यालय में हुई. इसमें खदान सुरक्षा, प्रबंधकीय सशक्तीकरण, वैधानिक प्रावधानों की स्पष्टता और अवैध गतिविधियों की रोकथाम जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई. साथ ही इन मुद्दों पर शीघ्र समाधान निकालने की आवश्यकता को सभी प्रतिनिधियों ने स्वीकार किया. वहीं खदान सुरक्षा और निगरानी के लिए ‘कोयला प्रहरी ऐप’, प्रिसिजन ड्रोन सर्वेक्षण और अन्य तकनीकी समाधानों को लागू करने पर बल दिया गया. बैठक की अध्यक्षता चेयरमैन पीएम प्रसाद ने की. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में डीजीएमएस के डीजी उज्जवल ता मौजूद थे. बैठक में श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों में इम्मा से आरके शर्मा, बीएमएस से उमेश प्रसाद सिंह, एचएमएस से जावेद उस्मानी, एटक से जोसफ व सीएमओएआइ से सर्वेश सिंह आदि शामिल थे. इसके अतिरिक्त बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता समेत कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी, डीएमएस और उप सुरक्षा महानिदेशक बैठक में शामिल हुए.कोलियरी प्रबंधकों को अधिकार और दर्जा दिये जाने की मांग :
बैठक में उपस्थित इम्मा के आरके शर्मा ने कोलियरी प्रबंधकों को उचित अधिकार और दर्जा दिया जाने की मांग की. कहा कि वे खदान संचालन के लिए पूरी तरह से उत्तरदायी होते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रबंधकों, एजेंटों और सुरक्षा अधिकारियों को मिलने वाला प्रभार भत्ता हाल ही में बंद कर दिया गया है. इसे पुनः बहाल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया की खदानों में निकाले गये कोयले का ””स्वामी”” प्राधिकरण को माना गया है, लेकिन खान अधिनियम, 1952 के अनुसार खदान के संचालन और नियुक्तियों की जिम्मेदारी खदान संचालक की है. डीजीएमएस इस प्रावधान को मान्यता नहीं दे रहा. इससे वैधानिक जिम्मेदारियों के निर्वहन में बाधा आ रही है. कहा कि यह मुद्दा पिछली बैठकों में भी उठाया गया था और अब इसे त्वरित समाधान की आवश्यकता है.बॉक्स :
अनधिकृत प्रवेश व अवैध खनन पर चिंता :
श्री शर्मा ने कहा कि खदान क्षेत्रों में अनधिकृत लोगों की घुसपैठ और कोयला चोरी के कारण दुर्घटनाएं हो रही है. इससे खदान प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई हो रही है. उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार से संपर्क कर खदान क्षेत्रों में बाहरी लोगों के प्रवेश को रोका जाये. खदान परिसरों की बाड़बंदी की जाये. जमीन के स्वामित्व से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

