जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य लाभार्थियों को योजना के लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी देना था. कार्यक्रम का उद्घाटन महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र राजेंद्र प्रसाद व मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया.
प्रशिक्षण देकर रोजगार की ऋण दिलाया जायेगा
कार्यक्रम के संयोजक एवं सहायक निदेशक एमएसएमइ सुजीत कुमार ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विधाओं के शिल्पकारों जैसे बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, जाल बनाने वाले, दर्जी, नाई आदि को शामिल किया गया है. योजना के तहत लाभार्थियों को पांच–सात दिन का प्रशिक्षण, प्रतिदिन 500 रुपये भत्ता, प्रशिक्षण के बाद 15,000 रुनये के टूलकिट ई वाउचर, पहले चरण में एक लाख और दूसरे में दो लाख रुपये तक का बिना गारंटी ऋण 5% ब्याज पर उपलब्ध कराया जायेगा. पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र भी दिये जायेंगे. कैनरा बैंक, फेडरल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों जितेंद्र कुमार, अरशद नसीम खान और रोशन आनंद ने प्रतिभागियों से योजना का लाभ लेने की अपील की. मुख्य अतिथि राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि यह योजना पारंपरिक कारीगरों को आधुनिक उपकरण और आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
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