डीसी श्री रंजन ने कहा कि यह प्रशिक्षण अभियान को जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक लागू करने के लिए नेतृत्व तैयार करेगा. इससे सरकार की योजनाएं अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेंगी. उन्होंने अधिकारियों से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन का आह्वान किया. जनजातीय कार्य मंत्रालय के उप सचिव अशोक कुमार गुप्ता ने इसे एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य आदिवासी नेतृत्व को सशक्त बनाना है. साथ ही हर परिवार तक गरिमा व शीघ्रता से सेवाएं पहुंचाना है. उन्होंने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान 550 से अधिक जिलों के 1 लाख आदिवासी बहुल गांवों में 20 लाख प्रशिक्षित नेतृत्वकर्ता का केडर तैयार करने का मिशन है. कहां कि यह आंदोलन तीन स्तंभों पर आधारित है. आदि कर्मयोगी (सरकारी अधिकारी), आदि सहयोगी (युवा, शिक्षक, डॉक्टर) और आदि साथी (स्वयंसेवक, बुजुर्ग). ये सभी स्थानीय समाधान व त्वरित परिणाम के लिए मिलकर कार्य करते है. ओडिशा में अभियान की सफलता का उदाहरण देते हुए बताया गया कि वहां 22 जिलों के हजारों गांवों में समुदायों को सेवाएं देने के लिए स्थानीय टीमों को प्रशिक्षित किया गया है.
धनबाद सहित आठ जिलों के विभिन्न विभागों के कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है
अभियान स्मार्ट गवर्नेंस, स्थानीय नियोजन, शिकायत निवारण और डिजिटल मॉनिटरिंग को बढ़ावा देता है. आदि कर्मयोगी पोर्टल इसके लिए प्रशिक्षण, रीयल-टाइम डैशबोर्ड और फीडबैक उपकरण प्रदान करता है. कार्यक्रम में धनबाद सहित आठ जिलों के विभिन्न विभागों के कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. यह प्रशिक्षण 21 अगस्त तक चलेगा, जिसके बाद 28 से 30 अगस्त तक प्रखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण डीपीआरसी भवन में आयोजित किया जायेगा.
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