धनबाद: धनबाद पंचायती राज विभाग का कार्यालय जर्जर भवन में चल रहा है. भवन की जर्जर स्थिति के कारण यहां कभी भी हादसा हो सकता है. मॉनसून आने वाला है. ऐसे में इसकी मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो भवन की छत धंस सकती है.
गुरुवार को दिन के सवा 12 बजे प्रभात खबर की टीम जब वहां गयी तो एक कक्ष में जिला पंचायती राज पदाधिकारी चंद्रजीत सिंह और उनके मातहत कर्मचारी बैठे थे. उस कमरे की छत की स्थिति देख ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह टूट कर गिर पड़ेगी. भवन में खिड़कियों के शीशे टूटे हुए थे. टूटी अलमारी, कुरसी और टेबल पड़े थे. किताब वगैरह जहां-तहां बिखरी पड़ी थी. वहां पंचायती राज पदाधिकारी कर्मचारियों को कोई पत्र लिखाने के लिए निर्देश दे रहे थे. मजेदार बात तो यह थी कि उसी कार्यालय में नया इलेक्ट्रिफिकेशन का काम हो रहा है. जब भवन ही जर्जर हो तो दीवार पर तार और अन्य तरह के काम कराने से क्या फायदा.
एक ओर सरकार की ओर से पंचायत सचिवालयों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, वहां नेट और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. वहीं मुख्यालय के कार्यालय का हाल बेहाल है.
वर्षों से बंद पड़ा है पंचायती राज प्रशिक्षण केंद्र
जिला पंचायती राज कार्यालय के परिसर में घुसते ही जिला पंचायती राज प्रशिक्षण कार्यालय है. यह कार्यालय वर्षों से बंद पड़ा है. यहां प्रशिक्षण देने की बात तो दूर, वर्षों से ताला तक नहीं खुला है. इसका अंदाजा वहां पहुंचते ही लगा जाता है. परिसर में भले ही टाइल्स लगे हुए हैं. लेकिन गंदगी की भरमार है. जगह-जगह कचरा रखा मिल जायेगा. दीवारों एवं विभिन्न कक्षों के दरवाजे पर पान एवं गुटखा की पीक है.
उक्त भवन अगर जर्जर है तो जिला पंचायतीराज पदाधिकारी उन्हें लिखकर देंगे. वह तुरंत भवन प्रमंडल को उसकी मरम्मत के लिए अनुशंसा कर भेज देंगे. बरसात से पहले भवन की मरम्मत हो जायेगी.
गणेश कुमार, उप विकास आयुक्त
