रांची/धनबाद : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के पंपोर में शनिवार को हुए आतंकी हमले में जियलगोरा (धनबाद) के 21 वर्षीय शशिकांत पांडेय समेत सेना के तीन जवान शहीद हो गये. हमले में तीन लोग घायल भी हुए हैं. झारखंड के शहीद शशिकांत का पूरा परिवार वीरता की मिशाल है. उनके बड़े भाई श्रीकांत पाण्डेय सीआरपीएफ में तैनात हैं. एक ही परिवार के दो भाईयों ने देश की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दे दी. जबकि एक बड़ा भाई अभी भी देश की सुरक्षा कर रहे हैं.
शनिवार को पंपोर में सीमा की रक्षा करते हुए शशिकांत पाण्डेय आतंकी हमले में शहीद हो गये. वहीं 12 वर्ष पूर्व शशिकांत के चचेरे भाई मनोज पाण्डेय कारिगल युद्ध के दौरान चार पाकिस्तानी सैनिकों को मारने के बाद शहीद हुए थे. मनोज पाण्डेय ने कारगिल युद्ध के दौरान पाक सैनिकों के नाक में दम करते हुए अपनी कुर्बानी दी थी. गोली लगने पर भी चार आतंकियों को मार गिराया था. बीएसएफ के जवान मनोज पाण्डेय ने 29 जून 2004 को पुंछ की रजौली सेक्टर में गोली लगने के बाद भी चार आतंकियों को मार गिराया था. उसके बाद अस्पताल ले जाने के क्रम में वे शहीद हो गये थे.
परिवार के लोगों ने बताया कि शहीद शशिकांत अधिकारी बनने की चाहत रहते थे. शहीद होने के बाद उनका यह सपना भी सपना ही रह गया. छुट्टी में जब भी शशिकांत गांव आते थे युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते थे. वे हमेशा पाकिस्तान के खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ने की इच्छा भी बताते थे. परंतु देश के इस जवान को अपनी वीरता दिखाने का कुछ खास मौका नहीं मिल पाया. एक कायराना हमले में इस सपूत को अपनी जान गंवानी पड़ी.
हमला उस वक्त किया, जब जम्मू से सैन्यकर्मियों को लेकर सैन्य वाहनों का काफिला बादामी बाग स्थित सैन्य छावनी जा रहा था. इसी दौरान कदलबल चौक के पास आम लोगों की भीड़ में से करीब दो से-तीन आतंकियों ने हमला कर दिया. गोलियों की आवाज सुनते ही पुलिस व सीआरपीएफ के जवान भी मौके पर पहुंचे. तब तक आतंकी भाग निकले थे. शशिकांत दो भाई व दो बहन हैं. बड़ी बहन रिंकू की शादी हो चुकी है.
शशिकांत ने जोड़ापोखर ज्ञान भारती स्कूल से मैट्रिक व आरएसपी कॉलेज से इंटर पास किया था. पिता का कहना है कि शशिकांत की प्रोन्नति होनेवाली थी. उसने अफसर बनने के लिए परीक्षा दी थी. बेटे की शहादत पर पिता को गर्व है. सरकार की नीति से पिता खफा हैं. पिता का आरोप है कि सैनिक शहीद हो रहे हैं और केंद्र सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.शशिकांत ने 2013 में 17 दिसंबर को ही सेना में ज्वाइनिंग की थी, संयोग से उसी दिन उनकी शहादत भी हुई.