इस सर्वे में लगभग 171 स्कूलों का मूल्यांकन किया गया, इनमें सुविधा, शिक्षा की गुणवत्ता, बेसिक सिस्टम, बच्चों की भागीदारी और मैदान-परिसर की स्थिति समेंत कई बिंदुओं को पैमाने पर रखा गया. जिला प्रशासन ने इसमें से पहले चरण के लिए 38 स्कूलों को चुना है, इन्हें डीएमएफटी फंड से आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी.
पहले चरण में 38 स्कूलों को मिलेगा संसाधनों का पैकेज
पहले चरण में चयनित 38 स्कूलों को सिगनेज बोर्ड, स्पोर्ट्स किट, सोलर नेचुरल वाटर कलर, व्हाइट बोर्ड, टीचर चेयर-टेबल, फर्स्ट एड किट, पोर्टेबल साउंड सिस्टम, डस्टबिन के साथ-साथ कक्षा एक से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए बेंच-डेस्क उपलब्ध कराये जायेंगे. कई विद्यालयों में सीसीटीवी व एलइडी टीवी भी लगाये जायेंगे.
पहले चरण में शामिल स्कूल
प्रोजेक्ट प्लस टू हाई स्कूल मनियाडीह, यूपीजी प्लस टू हाई स्कूल कोलाकुसमा, श्री शंकर दयाल प्लस टू हाई स्कूल, जेकेआरआर प्लस टू हाई स्कूल, राजकृत प्लस टू हाई स्कूल गोविंदपुर, टीएपी प्लस टू हाई स्कूल, तोपचांची केजीबीवी, गोविंदपुर, बलियापुर, निरसा, टुंडी, जेबीएभी पूर्वी टुंडी सहित अन्य कई विद्यालय शामिल हैं.
अगले चरण में 50 से अधिक विद्यालय होंगे लाभान्वित
दूसरे चरण में जिला प्रशासन 50 से अधिक अतिरिक्त स्कूलों को डीएमएफटी योजना में शामिल करने की तैयारी कर रहा है. पहले चरण के परिणामों और स्कूलों की जरूरत को देखते हुए अगले चरण में सामग्री, स्मार्ट उपकरण और खेल संसाधनों का वितरण और व्यापक पैमाने पर किया जाएगा.
क्या कहते हैं डीसी
सरकारी स्कूलों में संसाधनों की कमी बच्चों के भविष्य में रुकावट नहीं बनने दी जाएगी. डीएमएफटी फंड के सही उपयोग द्वारा हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा वातावरण तैयार करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं. यह सिर्फ शुरुआत है और आने वाले समय में और अधिक विद्यालयों को योजना में शामिल किया जाएगा. – आदित्य रंजन, डीसी
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