धनबाद : केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी, राष्ट्र विरोधी व जन विरोधी नीतियों के खिलाफ देश के कई श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से आठ जनवरी को हड़ताल की घोषणा की है.
झारखंड में भी इसका असर होगा. झारखंड के कई श्रमिक संगठनों ने भी इस हड़ताल को सफल बनाने का निर्णय लिया है. झारखंड में कोयला, बैंक, सेल, एचइसी, इस्पात, राज्य व केंद्रीय कार्यालयों में हड़ताल का असर रहेगा. मजदूर संगठनों ने आम लोगों को भी इसमें भागीदारी करने का आह्वान किया है.
हड़ताल से बैंकों में सामान्य कामकाज पर असर पड़ेगा. हड़ताल को सफल बनाने के लिए मंगलवार को मशाल जुलूस निकाला गया. कई स्थानों पर नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया. सीटू के राज्य महासचिव प्रकाश विप्लव, एटक के महासचिव पीके गांगुली और एक्टू के महासचिव शुभेंदू सेन ने कहा कि श्रम कानूनों में मालिक पक्षीय बदलाव का विरोध मजदूर संगठन कर रहे हैं.
केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्रों को बेचे जाने का विरोध किया जा रहा है. वहीं असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों को कम से कम 21 हजार रुपये न्यूनतम वेतन देने की मांग को लेकर की जा रही है. इसके अलावा सरकार से नयी पेंशन नीति वापस लेने, बीमा, बैंक, कोयला आदि क्षेत्रों में श्रमिक संगठनों पर हो रहे हमले पर रोक लगाने की मांग की जा रही है.
इंटक राजेंद्र सिंह गुट ने कोई घोषणा नहीं की : इंटक राजेंद्र सिंह गुट ने आंदोलन में शामिल होने या नहीं होने की कोई घोषणा नहीं की है. राज्य स्तर पर आंदोलन की सफलता के लिए इंटक ने कोई कार्यक्रम नहीं चलाया है.