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मिडिल मैन डॉलर के बदले उपलब्ध कराता था रुपया

धनबाद : पुलिस जांच में यह बात सामने आयी है कि एक मिडिल मैन ठगी में अर्जित डालर का भुगतान रैपये में करता था. अब तक की जांच के अनुसार रकम चीन के माध्यम से मिडिल मैन के पास आता था. वह अपना कमीशन लेकर इन्हें बाकी का पैसा भुगतान कर देता था. पुलिस के […]

धनबाद : पुलिस जांच में यह बात सामने आयी है कि एक मिडिल मैन ठगी में अर्जित डालर का भुगतान रैपये में करता था. अब तक की जांच के अनुसार रकम चीन के माध्यम से मिडिल मैन के पास आता था. वह अपना कमीशन लेकर इन्हें बाकी का पैसा भुगतान कर देता था. पुलिस के अनुसार मिडिल मैन ही मास्टरमांइड है.

मगर वह कहां का रहने वाला है, उसका नाम क्या है यह किसी को नहीं पता. रात के अंधेरे में ही वह आता और पैसा भुगतान करके चला जाता. पकड़े गये आरोपी भी उसका नाम नहीं जानते हैं. पुलिस को शक है कि देश के दूसरे हिस्सों में भी इस तरह का धंधा साइबर अपराधियों द्वारा चलाया जा रहा होगा.
अमेरिकी टाइम से चल रहा था सेंटर : यह कॉल सेंटर अमेरिकी टाइम से चलता था. रात में साढ़े आठ बजे से सुबह साढ़े चार बजे तक ये लोग काम करते थे. एक साथ 31 लोग कंप्यूटर पर बैठते थे. सभी आइबीआर (इंट्रेक्टिव वायस रिस्पांस) के जरिये अमेरिकी नागरिकों को फोन करते थे. कोई न कोई फंस ही जाता था.
पहले पीते थे शराब या गांजा : अपना काम शुरू करने से पहले गिरोह के सदस्य पहले शराब पी लेते थे. कुछ युवक इसमें ऐसे है जो गांजा का नशा करते थे. गैराज में पांच कमरे हैं. एक कमरा में सारा सिस्टम रखा हुआ था.
जहां ऑफिस चल रहा था. बाकी कमरे ये लोग सोने के लिए रखते थे. बाहर से वह जगह खंडहर की तरह दिखता था. मगर अंदर आलीशान मकान जैसा था. पुलिस ने बताया कि अंदर में सारी सुविधाएं मौजूद है. इन लोगों ने अपना एक जेनरेटर भी रखा है जिससे इन्हें बिजली की परेशानी न हो.
इंटरनेशनल बीपीओ में काम करने वाले लड़के बुलाये गये थे
पकड़े गये 29 लोगों में दस ऐसे हैं जो कोलकाता के इंटरनेशनल बीपीओ सेंटर में काम करते थे. यही लोग अमेरिकी नागरिकों से उनकी भाषा में बात करते थे. इसके अलावा विक्रांत भी ग्राहकों से बात करता था.
विक्रांत जब बात करता तो वह कहता था कि उसका नाम डेनियल है और वह टेक्सास शहर से बात कर रहा है. पुलिस के अनुसार विक्रांत की अंग्रेजी काफी अच्छी है. वह काफी दिनों तक विदेशों में रहा है. बीपीओ के लड़के बीस प्रतिशत पर काम कर रहे थे. कैश आने के बाद उन्हें बीस प्रतिशत दे दिया जाता था.

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