21 अक्तूबर को अधिसूचना एक भी आवेदन नहीं
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बिना नक्शा के बने भवन नहीं हो रहे अॉनलाइन रेगुलराइज
21 अक्तूबर को अधिसूचना एक भी आवेदन नहीं धनबाद : बिना नक्शा के किये गये भवन निर्माण नियमित (रेगुलराइज) नहीं हो रहे हैं. 21 अक्तूबर से राज्य के सभी नगर निकायों में निर्माण को नियमित कराने की अधिसूचना जारी की गयी. कुछ दिनों तक ऑफ लाइन आवेदन लिये गये. इसके बाद इसमें संशोधन करते हुए […]
धनबाद : बिना नक्शा के किये गये भवन निर्माण नियमित (रेगुलराइज) नहीं हो रहे हैं. 21 अक्तूबर से राज्य के सभी नगर निकायों में निर्माण को नियमित कराने की अधिसूचना जारी की गयी. कुछ दिनों तक ऑफ लाइन आवेदन लिये गये. इसके बाद इसमें संशोधन करते हुए ऑन लाइन आवेदन की स्वीकृति दी गयी. ऑन लाइन आवेदन तो मांगे जा रहे हैं, लेकिन नगर विकास एवं आवास विभाग की वेबसाइट पर रेगुलराइज संबंधी कोई कॉलम नहीं है. नगर निगम में प्रति दिन दर्जनों लोग अपने भवन को नियमित कराने के लिए पहुंच रहे हैं और बैरंग लौट रहे हैं.
नगर निगम की भवन शाखा की मानें तो 21 अक्तूबर को जो अधिसूचना जारी की गयी थी, उसमें ऑफ लाइन आवेदन मांगे गये थे. धनबाद में 669 लाभुकों ने अपने भवन के रेगुलराइज के लिए आवेदन भी दिया था. लेकिन सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए ऑफ लाइन की जगह ऑन लाइन आवेदन लेने संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर दिया. सरकार ने ऑन लाइन के लिए आदेश तो जारी किया, लेकिन नगर विकास एवं आवास विभाग की वेबसाइट में इसका कॉलम ही नहीं है.
बिना नक्शा के हैं एक लाख से अधिक मकान : धनबाद में 50 हजार से अधिक मकान विवादित या आदिवासी जमीन पर है. कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, ऐसे भवनों के निर्माण को नियमित किया जाना है, जिनकी जमीन विवादित या आदिवासी न हो. धनबाद में एक लाख से अधिक निर्माण को नियमित किये जाने का अनुमान लगाया गया था.
10 मीटर ऊंचे भवनों को करना है रेगुलराइज: वैसे लोग, जिनके घरों का नक्शा अब तक पास नहीं हुआ है. निर्माण नियमित करने के लिए 200 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से शुल्क जमा करना है. नगर निगम के निबंधित एलटीपी द्वारा आवेदन करना है. हालांकि वेबसाइट में नियमित का कॉलम नहीं होने के कारण मामला लटका हुआ है. वैसे भवनों को नियमित किया जाना है, जो जी प्लस टू या 10 मीटर ऊंचाई के हैं और जिसमें सेट बैक नहीं छोड़ा गया है.
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