धनबाद : निरसा चौक के समीप स्थित एक्सिस बैंक में एक अक्तूबर को 16.35 लाख की डकैती का उद्भेदन धनबाद पुलिस ने कर दिया है. डकैती में शामिल चार अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने उनके पास से तीन लाख 45 हजार रुपये नकद सहित एक पिस्टल, एक कट्टा, चार जिंदा गोली, तीन मोबाइल और कांड में शामिल तीन मोटरसाइकिल भी बरामद किये हैं.
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निरसा बैंक डकैती में चार जेल भेजे गये
धनबाद : निरसा चौक के समीप स्थित एक्सिस बैंक में एक अक्तूबर को 16.35 लाख की डकैती का उद्भेदन धनबाद पुलिस ने कर दिया है. डकैती में शामिल चार अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने उनके पास से तीन लाख 45 हजार रुपये नकद सहित एक पिस्टल, एक कट्टा, चार […]
मंगलवार को एसएसपी किशोर कौशल ने अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी. बताया कि 13 मार्च को सरायढेला बैंक ऑफ इंडिया की कोलाकुसमा शाखा में भी इसी गैंग ने 10 लाख का डाका डाला था. गैंग में कुल 11 लोग है, जिसमें चार लोगों की गिरफ्तारी ही हो पायी है. यह गिरोह अंतरप्रांतीय है.
पटना के नेता की छत्रछाया में चल रहा था गैंग : पटना के खादपुर थाना में जय साहनी के बगल में रह रहे एक नेता अशोक सिंह की छत्रछाया में यह गैंग चल रहा था. पुलिस ने जब उसके घर पर छापामारी की तो वहां निरसा बैंक से लूटे गये ढाई लाख रुपये मिले. अशोक सिंह पिछले विधानसभा में निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुका है.
कैसे हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने सीसीटीवी के फोटो के आधार पर सबसे पहले जय साहनी की गिरफ्तारी पटना से की. उसकी निशानदेही पर ब्रिज यादव को धनबाद से और अप्पू सिंह और अखिलेश कुमार को आसनसोल से गिरफ्तार किया.
पुलिस ने बताया कि अप्पू सिंह और अखिलेश कुमार का कोलाकुसमा बैंक ऑफ इंडिया के डाका कांड में कोई रोल नहीं था. अखिलेश की पत्नी बंगाल पुलिस में सिपाही है. हालांकि ये लोग पहले कई लूटकांड और बंगाल के कुछ बैंक डकैतियों में शामिल रहे है. गिरफ्तार जय साहनी की तस्वीर निरसा बैंक के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी थी.
कुख्यात अपराधी है गैंग का सरगना
पुलिस ने गैंग के सरगना पटना निवासी जय साहनी को भी गिरफ्तार किया है. जय साहनी कुख्यात अपराधी है. हत्या, दंगा, लूट, डकैती जैसे कांड में वह पहले भी जेल जा चुका है. जय साहनी बैंक ऑफ इंडिया डाका कांड में भी खुद मौजूद था. उसके साथ गिरीडीह का कुख्यात शहादत अंसारी और देवघर से पकड़ा गया साबिर हुसैन भी था. इसके अलावा इसी के गैंग के दूसरे सदस्य भी उस डाका कांड में संलिप्त थे.
ट्रेन से भागे थे पटना
निरसा में डाका डालने के बाद सभी अपराधी बाइक से कुल्टी होते हुए दुर्गापुर गये थे. वहां से विभूति एक्सप्रेस में बैठकर पटना भाग गये. पुलिस ने सीसीटीवी के फोटो के आधार पर सबसे पहले जय साहनी की गिरफ्तारी पटना से की. उसकी निशानदेही पर ब्रिज यादव को धनबाद से और अप्पू सिंह और अखिलेश कुमार को आसनसोल से गिरफ्तार किया.
पुलिस ने बताया कि अप्पू सिंह और अखिलेश कुमार का कोलाकुसमा बैंक ऑफ इंडिया के डाका कांड में कोई रोल नहीं था. अखिलेश की पत्नी बंगाल पुलिस में सिपाही है. हालांकि ये लोग पहले कई लूटकांड और बंगाल के कुछ बैंक डकैतियों में शामिल रहे है. गिरफ्तार जय साहनी की तस्वीर निरसा बैंक के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी थी.
कौन – कौन पकड़ाये
अप्पू सिंह (35) पिता हवलदार सिंह, सेंट्रल हॉस्पिटल कल्ला नार्थ आसनसोल
अखिलेश कुमार (42) पिता रामनाथ सिंह, दीपूपाड़ा छाईगद्दा रोड नार्थ आसनसोल
जय साहनी (36) पिता राजेंद्र साहनी, न्यू आंबेडकर कॉलोनी खादपुर, पटना
ब्रिज कुमार यादव (40) पिता रामचंद्र यादव जोड़ाफाटक कब्रिस्तान रोड
ब्रिज यादव था गैंग का लोकल लिंक
इस गैंग में पटना और आसनसोल के अपराधी हैं. जोड़ाफाटक निवासी ब्रिज कुमार यादव धनबाद में इनका लोकल लिंक था. बैंक ऑफ इंडिया डाका कांड में भी अपराधियों को बाइक उपलब्ध कराने और भागने का रास्ता बताने वाला ब्रिज कुमार यादव ही था. फिलहाल यह टाटा सिजुआ में रह रहा था.
निरसा और सरायढेला में बैंक डकैती के दौरान इसने ही सबको अपने घर पर पनाह दी थी. ब्रिज यादव पहले भी लूटकांड में जेल जा चुका है. पुलिस को इसके पास से 57 हजार रुपये नगद और एक पिस्टल भी मिली है. हालांकि दोनों डकैती कांड में वह बैंक के अंदर नहीं गया था.
कैसे करते थे डकैती
एक सप्ताह पहले गैंग के लोग अपना-अपना मोबाइल फोन घर में छोड़ कर धनबाद आ जाया करते थे. धनबाद आने के बाद ब्रिज यादव के घर में ठहरते थे. जिस बैंक को टारगेट बनाना है उसे बैंक की रेकी की जाती थी. ब्रिज यादव धनबाद में बैंक का पूरा खाका तैयार करके इन अपराधियों को देता था.
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