धनबाद: शिक्षा का अधिकार (आरटीइ) अधिनियम के तहत एक अप्रैल 2010 के बाद बिना सरकार के आदेश के खुलने वाले स्कूलों पर तत्काल एक लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
यही नहीं आदेश का उल्लंघन पर अतिरिक्त के हिसाब से दस हजार रुपये तक फाइन भी हो सकता है. डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने बताया कि इस तिथि से पहले खुले स्कूल को आरटीइ के तहत मान्यता लेना अनिवार्य है. जबकि इस तिथि के बाद बिना सरकार के आदेश के खुलने वाले स्कूल को जुर्माना भरने के साथ स्कूल बंद करना होगा. सनद हो कि आरटीइ के तहत मान्यता लेने के लिए डीएसइ कार्यालय, धनबाद को लगभग 189 स्कूलों के आवेदन मिले थे. इन स्कूलों में संबंधित प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीइइओ) ने जांच कर अपनी-अपनी रिपोर्ट विभाग को दी थी. इसके बाद आवेदनों को राज्य कार्यालय, रांची भेज दिया गया. इसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. हालांकि डीएसइ ने मामले को आगे बढ़ाने की बात कही है. कहा है कि नियमानुसार मान्यता जरूर दी जायेगी.
मान्यता के लिए शर्त
डीएसइ ने बताया कि आरटीइ के तहत मान्यता के लिए सभी बिंदुओं के लिए मानक निर्धारित किये गये हैं. एक अप्रैल 2010 से पहले खुले जो स्कूल इन मानकों को पूरा नहीं करते, उन्हें मानक पूरा करना है. छात्र संख्या के आधार पर शिक्षक संख्या, वर्ग कक्ष एवं अन्य जरूरी बिंदुओं को पूरा करने के लिए भी एक समय निर्धारित किया गया है.