धनबाद : धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाईन बंदी के विरोध में लोग सड़क पर उतर गये हैं. विरोध में आज कतरास पूरी तरह से बंद है. लोग सड़क पर उतर आए हैं. कतरास थाना चौक और स्टेशन रोड़ पर लोग धरना पर बैठ गये. लोगों का कहना है कि जब तक सासंद, विधायक नहीं आएंगें तब तक […]
धनबाद : धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाईन बंदी के विरोध में लोग सड़क पर उतर गये हैं. विरोध में आज कतरास पूरी तरह से बंद है. लोग सड़क पर उतर आए हैं. कतरास थाना चौक और स्टेशन रोड़ पर लोग धरना पर बैठ गये. लोगों का कहना है कि जब तक सासंद, विधायक नहीं आएंगें तब तक उनका धरना जारी रहेगा.
गौरतलब हो कि भारतीय रेलवे बोर्ड ने धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग पर 15 जून से रेल परिचालन बंद करने का आदेश दिया है. शनिवार को उसने यह आदेश जारी किया. कोयला खनन के कारण भूमिगत आग के रेल पटरियों तक आ जाने और हादसे की आशंका के मद्देनजर यह फैसला किया गया है. यह दूसरा मौका है, जब रेल मार्ग बंद किया गया. इसके पहले 2001-02 में धनबाद-झरिया मार्ग को सदा के लिए बंद कर दिया गया था. केंद्र की तत्कालीन वाजपेयी सरकार के समय लिये गये इस फैसले का जम कर विरोध हुआ था.
धनबाद डीआरएम मनोज कृष्ण अखौरी ने बताया कि 15 जून से इस मार्ग पर सवारी, मेल-एक्सप्रेस अथवा गुड्स ट्रेनों का परिचालन नहीं किया जायेगा. रेल मार्ग बंद होने के बाद कौन सी ट्रेन किस मार्ग से चलेगी, इसका निर्णय रेलवे बोर्ड स्तर पर लिया जाना है. जो तय होगा उसका अनुपालन किया जायेगा. खबर है िक कुछ ट्रेनें रांची से भाया गोमो, तेलो होकर धनबाद तक चलायी जा सकती हैं. उम्मीद है कि सोमवार तक रेलवे बोर्ड से वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में निर्णय आ जायेगा.
डीजीएमएस की थी सिफारिश: झरिया मास्टर प्लान को लेकर कोयला सचिव की अध्यक्षता में गठित हाइ पावर सेंट्रल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे मार्ग को चालू रखना खतरे से खाली नहीं है. इसके नीचे भूमिगत खदानें चल रही है, जो कि आग, गोफ व भू-धंसान की चपेट में है. इस वजह से मानव जीवन की रक्षा के लिए तत्काल इस रेलवे लाइन को बंद कर देना चाहिए.