विधि संवादादता, देवघर. न्यायिक दंडाधिकारी स्वाति विजय उपाध्याय की अदालत में चल रहे परिवाद पत्र उमेश कुमार बनाम मनीष शर्मा की सुनवाई पूरी गयी. इसके बाद आरोपित मनीष शर्मा को चेक बाउंस का दोषी पाकर दो साल की सजा सुनायी गयी, साथ ही दो लाख, 31 हजार 41 रुपये का जुर्माना लगाया. इसमें चेक बाउंस की राशि एक लाख 67 हजार 370 रुपये समाहित है. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से चार माह की साधारण कैद की सजा काटनी होगी. सजायाफ्ता बैजनाथपुर चौक देवघर का रहने वाला है और व्यवसाय करता है. इसके विरुद्ध कोर्ट रोड निवासी व एक प्रतिष्ठान के प्रोपराइटर उमेश कुमार ने कोर्ट में वर्ष 2020 में मुकदमा किया था, जिसमें चेक बाउंस का आरोप लगाया गया था. दर्ज मुकदमा के अनुसार परिवादी की दुकान से आरोपित ने 1.67 लाख रुपये का सामान लिया था. परिवादी ने जब पैसों की मांग की, तो आरोपित ने उक्त राशि का चेक दिया, जो बाउंस हो गया. परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा व चेक बाउंस होने की जानकारी देते हुए पैसे मुहैया करने का अनुरोध किया था. पैसे नहीं देने पर कोर्ट में केस किया, जिस पर सुनवाई के दौरान परिवादी की ओर से दो लोगाें की गवाही दी गयी और दोष सिद्ध करने में सफल रहा. परिवादी की ओर से अधिवक्ता मुन्ना झा ने पक्ष रखा. अदालत में परिवादी व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अभियुक्त को दोषी करार दिया और उपरोक्त सजा सुनायी गयी व जुर्माना लगाया गया.
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