वरीय संवाददाता, देवघर : सावन पूर्णिमा पर देवघर मंडल कारा में बंदियों द्वारा दो पुष्प मुकुट तैयार किये गये, जिसमें से एक बाबा बैद्यनाथ और दूसरा बाबा बासुकिनाथ की शृंगार पूजा में अर्पित किये गये. शनिवार को सबसे पहले दोनों मुकुट को जेल परिसर स्थित मंदिर में रखा गया. इसमें एक मुकुट बाबा बासुकिनाथ के लिए सुरक्षा के साथ भेजा गया, जबकि दूसरे मुकुट को जेलर प्रमोद कुमार और अन्य कर्मी लेकर बाबा बैद्यनाथ के दरबार गये. जेलर ने बताया कि यह परंपरा अंग्रेज जेलर के समय से चली आ रही है, जिसमें हर दिन कैदियों द्वारा बाबा को मुकुट अर्पित किया जाता है. साथ ही शिवरात्रि पर मोउर चढ़ाया जाता है. सावन पूर्णिमा पर दो पुष्प मुकुट अर्पित किये जाते हैं. एक मुकुट बनाने में लगभग पांच किलो फूल लगते हैं. देवघर मंडल कारा में गूंजा संकीर्तन देवघर जेल में आठ अगस्त से बाबा कक्ष में संकीर्तन शुरू हुआ, जो शनिवार सुबह समाप्त हुआ. इसके बाद सुबह 10 बजे से जेल के बाबा शृंगार मंदिर में संकीर्तन शुरू हुआ, जो 10 अगस्त की सुबह 11 बजे तक चलेगा. मौके पर एडीजे नवम मुकुलेश चंद्र नारायण, सेवानिवृत्त आइएएस उमेश प्रसाद सिंह, डॉ एससी नायक, कृष्णा सिंह, रविंद्र महथा, उपेंद्र सिंह, रोशन कुमार, मिथिलेश कुमार, पवन रुंडा, सुधीर यादव, मृत्युंजय झा, अरुण कुमार, अर्जुन दत्ता, गणेश सेन, अजय कुमार हेंब्रम, किशोर कुमार यादव, विपिन टोपनो, धीरेंद्र ठाकुर, सविता मुर्मू, नेहा कुजुर, संगीता कुमारी, अर्चना कुमारी, आशा कुमारी, नंदनी कुमारी के अलावा अन्य जेलकर्मी व कक्षपाल उपस्थित थे. इस अवसर पर जेल में प्रसाद वितरण भी किया गया. प्रसाद ग्रहण करने के लिए जिला जज समेत कई न्यायिक पदाधिकारी व अन्य गणमान्य भी पहुंचे. हाइलाइट्स अंग्रेजों के काल से चली आ रही है यह परंपरा
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

