मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले को उनके पुण्यतिथि पर याद किया गया. लोगों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस अवसर पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि सावित्रीबाई फुले एक महान समाज सुधारक, शिक्षाविद् व महिलाओं की मसीहा थी. वे देश के प्रथम महिला शिक्षिका थी. उन्होंने विकट व विपरीत परिस्थितियों को झेलते हुए महिला शिक्षा के लिए अद्भुत कार्य किया. उन दिनों सामंती व कट्टरपंथी समाज महिला शिक्षा का घोर विरोधी थे, इसलिए उन्हें विरोधियों की तरह – तरह की यातनाएं झेलनी पड़ी, बावजूद इसके सब कुछ सहते महिला शिक्षा का अलख जगाते रही. अपने पति ज्योतिबा फुले के सहयोग से महिला शिक्षा के लिए 18 स्कूलों की स्थापना व संचालन उनके द्वारा किया गया. अपने पति के प्रेरणा व सहयोग से सत्य शोधक समाज की स्थापना कर विधवा पुनर्विवाह करवाया व आश्रम बनाकर करीब 20 हजार बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की. साथ ही सति प्रथा व विधवा प्रथा का घोर विरोधी रही. अन्य लोगों ने अपने विचार व्यक्त किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है