वरीय संवाददाता, देवघर. नगर थाना क्षेत्र के सत्संग महावीर कॉलोनी निवासी रिटायर डिफेंसकर्मी प्रद्योत कुमार घोष एक बार फिर साइबर ठगी के शिकार बन गये. अज्ञात कॉलर ने खुद को मुंबई का सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट का झांसा दिया और पांच दिनों तक लगातार भय दिखाकर तीन ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करा लिये. इस दौरान उनसे कुल 1.70 लाख रुपये की ठगी कर ली. जानकारी के अनुसार, कॉल करने वाले ने प्रद्योत घोष को बताया कि उनके नाम से जारी सिमकार्ड से दो करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग हुई है. इस मामले में उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है.
खुद को बचाने के लिये उन्हें तत्काल धनराशि जमा करानी होगी. कॉलर ने वीडियो कॉल पर उनसे बातचीत की और खुद को सीबीआइ अधिकारी बताकर दस्तावेज दिखाये. इस झांसे में आकर पीड़ित ने 17 अक्तूबर को 65 हजार व 35 हजार रुपये और 22 अक्तूबर को 70 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिये. पीड़ित ने बताया कि ठगों ने उन्हें ईडी अधिकारी के नाम से दस्तावेज भेजकर विश्वास में लिया. यहां तक कि उनके नाम से केनरा बैंक का एटीएम कार्ड भी भेजा गया, जबकि उनका इस बैंक में कोई खाता नहीं है. संदेह होने पर जब उन्होंने एक मित्र से बात की, तब पता चला कि कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान ही नहीं है. प्रद्योत घोष ने बताया कि इससे पहले भी अगस्त माह में साइबर अपराधियों ने ओटीपी लेकर उनसे 11 हजार रुपये की ठगी की थी. करीब एक साल पहले भी उन्हें डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर ठगने की कोशिश की थी. बावजूद इसके तीसरी बार अपराधियों ने उन्हें अपने जाल में फंसा लिया. मामले की शिकायत रिटायर डिफेंसकर्मी ने साइबर थाना में दर्ज करायी है. उन्होंने अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ठगी की रकम वापस दिलाने की मांग की है. साइबर थाना पुलिस ने आवेदन प्राप्त कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि किसी भी कॉल पर खुद को सीबीआई या ईडी अधिकारी बताने वाले व्यक्ति से सावधान रहें. कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई प्रक्रिया नहीं है. कोई भी संदिग्ध कॉल आने पर तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें.शक हुआ पीड़ित को, फर्जी दस्तावेज भेजकर दिलाया विश्वास
उन्होंने बताया कि हर मोड़ पर शक होता गया. किंतु एडिट डॉक्यूमेंट भेजकर साइबर अपराधी ने उन्हें विश्वास में लिया. उनके नाम का केनरा बैंक एटीएम भेजा, जबकि केनरा बैंक में पीड़ित का एकाउंट ही नहीं है. ठगों से पीड़ित ने कहा कि धोखाधड़ी हो रही है, तो नमूना के तौर पर क्रॉस हस्ताक्षर युक्त एक आधार का फोटो भेजा. साइबर अपराधियों ने उनसे पहले अपना परिचय सीबीआई मुंबई के अधिकारी के तौर पर दिया. वहीं उनसे 17 अक्तूबर को 65000 व 35000 रुपये व 22 अक्तूबर को 70000 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराये और तीनों एमाउंट का रिसिविंग इडी अधिकारी का दस्तावेज बनाकर भेजा. इससे उनको लगा कि सही में सीबीआई वाले उन्हें कॉल कर रहे हैं.हाइलाइट्स
॰डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर पांच दिनों तक ऑनलाइन उलझा कर रखा॰पीड़ित को पहले भी दो बार ठग चुके हैं साइबर अपराधी॰दोस्त ने पीड़ित पीड़ित को बताया कानून में नहीं है डिजिटल अरेस्ट, तब शिकायत देने पहुंचे साइबर थाना
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