प्रतिनिधि, जसीडीह : सुजानी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में शनिवार को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन तथा कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन व खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 2100 से अधिक परियोजनाओं के शुभारंभ व शिलान्यास कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया. इसमें जिले भर के करीब 450 किसान शामिल हुए और प्रधानमंत्री के संबोधन को सुना. सीधा प्रसारण कार्यक्रम का उद्घाटन केवीके व कृषि विभाग के पदाधिकारी ने किया. वरीय वैज्ञानिक सह केवीके प्रमुख डॉ राजन ओझा ने कहा कि योजनाओं का उद्देश्य कृषि उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधीकरण और टिकाऊ, कृषि पद्धतियों को अपनाना, पंचायत व ग्राम स्तर पर फसल भंडारण क्षमता में वृद्धि, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और दीर्घकालिक एवं अन्य कालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना है. यह किसानों के लिए काफी लाभकारी होंगे. प्रधानमंत्री ने कम उत्पादकता, कम फसल सघनता और कम ऋण वितरण जैसे तीन प्रमुख संकेतों के आधार पर 100 जिलों की पहचान की गयी है. कहा कि किसान दहलन आत्मनिर्भरता मिशन को विशेष बढ़ावा दे. देवघर का जलवायु दहलनी फसलों के अनुरूप है. यहां अच्छी उपज की जा सकती है. इसके लिए किसानों को जागरूक होने की आवश्यकता है. वैज्ञानिक विवेक कश्यप ने किसानों को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के उद्देश्यों की जानकारी और दहलन फसलों पर जोर देने की बात कहा. इसके साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एफपीओ और एनजीओ को प्रेरित किया. इस मौके पर आत्मा के उप-परियोजना निदेशक अरविंद कुमार, वैज्ञानिक डॉ पूनम सोरेन, विवेक कश्यप, डॉ शॉन आदि मौजूद थे. हाइलाइट्स केवीके में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना व दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के शुभारंभ का सीधा प्रसारण
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