संवाददाता, देवघर : विलियम्स टाउन के चित्रकूटधाम में चल रहे नौ दिवसीय संगीतमय राम कथा को शनिवार को समापन हो गया. कथा के अंतिम दिन उत्तर कांड ज्ञान भक्ति पर कथावाचक कपिल भाई ने प्रवचन दिया. उन्होंने कहा कि भगवान राम, माता जानकी व लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से अयोध्याधाम वापस आते हैं. उनका राज्याभिषेक किया जाता है. राम राज्य में कोई व्यक्ति दुखी नहीं था, आपस में शत्रुता नहीं थी, दैहिक, दैविक व भौतिक ताप से लोग ग्रसित नहीं होते थे, अकाल मृत्यु नहीं होती थी. कोई भी रोग ग्रस्त नहीं होते थे. सभी सुंदर व्यक्तित्व धारण करते थे व वन में फूल-फल भरे रहते थे, चंद्रमा पूरे महीने उगते थे. सूरज उतना ही ताप देते थे जितना आवश्यकता थी. त्रेता युग सतयुग के समान हो गया. कथावाचक ने कहा कि मानव जीवन बड़े भाग्य से मिलता है. इस जीवन का उद्देश्य भगवान का भजन करना है. अगर संसार में और परलोक में सुख चाहते हैं, तो भगवान की भक्ति करना चाहिए. ज्ञान मार्ग से ज्यादा सुलभ भक्ति मार्ग है. इस काल में राम नाम सुमिरन, राम गुणगान एवं सदा राम महिमा का श्रवण करने को कहा गया. मौके पर राम कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष आरपी एमपुरी, कार्यकारी अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, महामंत्री अंजनि कुमार मिश्रा, संयोजक योगेंद्र नारायण सिंह, सचिव पंकज सिंह भदोरिया, उमेश प्रसाद सिंह, संरक्षण में कृष्णकांत मालवीय, संतोष कुमार, डाॅ नागेश्वर शर्मा, अवध विहारी प्रसाद, सुनील ठाकुर इन्दिरा नंद सिंह, श्यामदेव राय गिरीग प्रसाद सिंह, रीता चौरसिया, ओपी मिश्रा, डॉ गोपाल वर्णवाल, दिलीप श्रीवास्तव, भुनेश्वर प्रसाद सिंह, योगेंद्र प्रसाद सिंह, जयनाराय सिंह, राम श्रृंगार पांडे, शंभु प्रसाद वर्मा, आशीष वाजपेई, निशा सिंह, सुभद्रा सिंह, ममता देवी, रानी देवी, सुनने देवी, अरुण झा, अम्बिका प्रसाद समेत अन्य थे. हाइलाइट्स चित्रकुटधाम में नौ दिवसीय संगीतमय राम कथा का हुआ समापन
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