मधुपुर. शहर के भेड़वा नवाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में साहित्यकार सर्वेश्वरदयाल, उपन्यासकार शरतचंद्र व भारतरत्न अभियंता विश्वेश्वरैया की जयंती पर उन्हें याद किया गया. उपस्थित लोगों ने विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस अवसर पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना शब्दों के कुशल चितेरे और आधुनिक कविता के समादृत कवि, कहानीकार, उपन्यासकार, प्राध्यापक, साहित्यकार व पत्रकार थे. वे तीसरे सप्तक के महत्वपूर्ण कवियों में से एक थे. उनकी प्रमुख कृतियां काव्य संग्रह-काट की पार्टियां, बांसक्षका पुल, एक सुनी नांव, गर्म हवाएं, जंगल का दर्द, खुंटियों से टंगे लोग, उपन्यास-उड़े हुए रंग, कुत्तों का मसीहा, सोया हुआ जन, नाटक-बकरी कई बार साहित्य व स्मृतियां भी लिखे. उन्हें पराग बाल पत्रिका व दिनमान, पत्रिका के संपादन में शामिल थे. उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि शरतचंद्र चट्टोपाध्याय बंगला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार थे. उन्होंने दर्जनों कहानियां उपन्यास लिखे. उनके उपन्यास पर फिल्मे बनी, जिसमें प्रमुख है. देवदास, परिनीता, मेज दीदी व श्रीकांत आदि है. भारत के महान अभियंता व भारतरत्न थे मोक्षमुडंक विश्वेश्वरैया. उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. हाइलार्ट्स : साहित्यकार सर्वेश्वरदयाल, उपन्यासकार शरतचंद्र व भारतरत्न विश्वेश्वरैया को जयंती पर किया गया याद
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