देवघर : महिलाओं को कानून में विशेष अधिकार प्राप्त है. शादी के बाद पत्नी को सम्मान पाने तथा आत्मसम्मान के साथ रहने का अधिकार प्रदत है. साथ ही अपनी मर्जी से करियर चयन करने के लिए खुद स्वतंत्र हैं. पति व ससुराल की संपत्ति पर हक पाने, बच्चों के पालन-पोषण में बराबर भागीदारी निभाने की स्वतंत्रता दी गयी है. उपरोक्त बातें जिला अधिवक्ता संघ की अधिवक्ता करुणा सिन्हा ने शनिवार को प्रभात खबर की ओर से आयोजित ऑनलाइन लीगल काउंसेलिंग के दौरान कही. उन्होंने कहा कि महिलाओं को घरेलू हिंसा या मानसिक शोषण से सुरक्षित रहने के अलावा पति या ससुराल वालों से भरण-पोषण पाने का भी अधिकार है. अगर कोई उनके अधिकारों से वंचित करता है, तो वह नियमों के प्रतिकूल माना जायेगा. वैसे व्यक्तियों के विरुद्ध महिला अगर शिकायत करती है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है. सजा के साथ-साथ जुर्माना का भी प्रावधान कानून में सन्निहित है. लीगल काउंसेलिंग में देवघर, दुमका, गोड्डा व जामताड़ा से लोगों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर कॉल किये व कानूनी सलाह ली. इन जिलों से तकरीबन डेढ़ दर्जन कॉल किये गये, जिसमें सबसे अधिक जमीन संबंधी विवाद को लेकर सवाल किये गये. पश्चात महिला अधिकार, बैंक लोन आदि के बारे में सलाह ली गयी. सभी सवालों के संदर्भ में अधिवक्ता ने ऑनलाइन सलाह दी. लोगाें के सवाल व लीगल एक्सपर्ट की सलाह गोड्डा के अमलो से जय प्रकाश शर्मा का सवाल : मेरी पुश्तैनी जमीन गांव में है, जो दादाजी के नाम से गेंजर्स सर्वे सेट्लमेंट में दर्ज है. बंटवारा नहीं हुआ है, कुछ हिस्सेदार बंटवारा करना नहीं चाहते हैं. इस विवाद का स्थायी समाधान के लिए मार्गदर्शन चाहिए. अधिवक्ता की सलाह: सभी हिस्सेदार मिलकर पहले जमीन का घरेलू बंटवारा करने का प्रयास करें और उस दस्तावेज का निबंधन रजिस्ट्री ऑफिस से करा लें. अगर आम सहमति नहीं बनती है, तो जिस मौजा में जमीन है, उसका पर्चा अभिलेखागार से निकलवा लें. इसके बाद सिविल कोर्ट गोड्डा में सबजज कोर्ट में बंटवारा का सूट दाखिल करें. अदालत से जब डिक्री मिलेगी, तो स्थायी समाधान हो जायेगा. दुमका के महारो से बुदेन हेंब्रम का सवाल : आदिवासी समुदाय से आता हूं. ससुर के नाम से जमीन है और उन्हें एक पुत्र है. घर जमाई के तौर पर रह रहा हूं. क्या बेटी को पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलेगा. अधिवक्ता की सलाह : हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में पिता की संपत्ति पर उनके सभी वारिसानों चाहे पुत्र हो या पुत्रियों, सभी को समान हक प्राप्त है. जहां तक संथाल कास्तकारी अधिनियम की बात है, तो पिता की संपत्ति में पुत्रियों को हक नहीं दिया गया है. घर जमाई को हक प्राप्त है. जामताड़ा से एक महिला का सवाल : ससुराल में रह रही हूं और दूसरे प्रांत में सरकारी जाॅब लग गयी है. मैं नौकरी करना चाह रही हूं, लेकिन पति व ससुराल वाले मना कर रहे हैं. क्या करें. अधिवक्ता की सलाह : मामला बहुत ही संवेदनशील है. सबसे पहले तो अपने पति व ससुरालवाले को इसके लिए राजी करें और बतायें कि बढ़ी बेरोजगारी के समय में जॉब मिलना बहुत मुश्किल काम है. जहां पर जॉब है, अपने पति को भी साथ रखें. स्थिति सामान्य हो जायेगी. वैसे महिलाओं को कानूनी अधिकार अपने करियर चुनने का है. साथ ही बाल बच्चों के लालन-पालन के लिए समान भागीदारी का भी अधिकार प्रदत है. देवघर के चितरा से राम कुमार का सवाल : मेरे पिता चार भाई हैं. तीनों भाई मिलकर मेरे पिता को जमीन में हिस्सा नहीं दे रहे हैं. हिस्सा की मांग करने पर मारपीट को उतारू हो जाते हैं. कानूनी रास्ता बतायें. अधिवक्ता की सलाह : जमीन में हिस्सा पाने के लिए सिविल जज की अदालत में सभी वैध दस्तावेजों के साथ ओरिजनल सूट दाखिल करें. वंशवाली के सभी हिस्सेदारों को प्रतिवादी बनायें, चाहे लड़का हों या लड़की सभी को समान हक पुश्तैनी जमीन में प्राप्त है. आपके पिता को भी अन्य भाइयों की तरह जमीन पर हक है. देवघर शहर से रमेश रजक का सवाल : शहरी क्षेत्र में बसौड़ी जमीन है, जिसका म्यूटेशन भी हो चुका है एवं पंजी टू में भी नाम दर्ज है, लेकिन जब जमीन पर काम करने जाते हैं, तो कुछ लोग मजदूर को भगा देते हैं एवं काम नहीं करने देते हैं. अधिवक्ता की सलाह : आप सभी कागजातों के साथ अनुमंडल पदाधिकारी को इस संबंध में आवेदन दें एवं इसकी प्रति थाना में भी दें. जांच के पश्चात विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. जो व्यक्ति काम से रोकता है, उसके नाम एवं निवास स्थान का पता करें एवं कानूनी कार्रवाई का अनुरोध करें. बिलासी टाउन, देवघर से अनूप कुमार राजहंस का सवाल : अपनी जमीन है, जिस पर घर बनाना चाहते हैं. आर्थिक कमी को देखते हुए होम लोन लेना चाहते हैं. इसके लिए क्या करना होगा. अधिवक्ता की सलाह : आप अपने नजदीकी बैंक शाखा से संपर्क करें तथा जमीन संबंधी कागजात के साथ निर्धारित प्रपत्र के साथ होम लोन के लिए आवेदन दें. बैंक के अधिकारी जांच करने जायेंगे एवं बैंक के मानदंडों के अनुसार लोन स्वीकृत कर सकते हैं. इसके लिए कुछ लोन के लिए कई शर्तें भी होती हैं, जिसका अनुपालन जरूरी है. जामताड़ा से राहुल कुमार सिन्हा का सवाल: परती कदीम खास जमीन है, जिस पर विगत 10 साल से पक्का का मकान बना कर रह रहे हैं. जमीन का कोई कागजात नहीं बना है. क्या करें. अधिवक्ता की सलाह : इसके लिए अनुमंडल पदाधिकारी के कोर्ट में बंदोबस्ती के लिए आवेदन दाखिल करें. अंचल से रिपोर्ट की मांग की जायेगी और सही पाये जाने पर आपके नाम बंदोबस्त किया जा सकता है. देवघर के सारठ से सुभाष चंद्र यादव का सवाल : सरकारी जमीन का अतिक्रमण दूसरे मौजा के लोग कर लिये हैं. खाली करने के लिए कहते हैं, तो मारपीट करने तथा झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहे हैं. इसके लिए क्या करें. अधिवक्ता की सलाह : सरकारी जमीन अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध सामूहिक आवेदन अंचल पदाधिकारी सारठ को दें, इस पर जांच की जायेगी एवं नोटिस देकर सरकारी स्तर से जमीन खाली कराने की प्रक्रिया का प्रावधान है. इसके अलावा देवघर से अंकित गिरी, जसीडीह कुशमाहा से नागेंद्र देव, दुमका से सलोनी हेंब्रम, देवीपुर से विकास यादव आदि ने सवाल किये, जिस पर अधिवक्ता ने विधि सम्मत तरीके से सलाह दी. हाइलाइट्स प्रभात खबर की ऑनलाइन लीगल काउंसेलिंग में अधिवक्ता करुणा सिन्हा ने दी लोगों को कानूनी सलाह, कहा
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