संवाददाता, देवघर : आधुनिक जीवनशैली और खानपान में हो रहे बदलाव लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहे हैं. मोटापा, हाइ बीपी, शुगर, थायरॉयड जैसी बीमारियों के पीछे कहीं न कहीं हमारी आदतें जिम्मेदार हैं. स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि लोग अपनी दिनचर्या और खानपान में सुधार लाएं. उक्त बातें शहर के प्रसिद्ध जनरल फिजिशियन डॉ धन्वंतरि तिवारी ने प्रभात खबर की ओर से आयोजित हेल्थ काउंसलिंग : टॉक टू डॉक्टर कार्यक्रम में कही.
उन्होंने कहा कि जिंदगी में कई रिस्क फैक्टर होते हैं, जिससे बचना चाहिए. वजन ही नहीं उम्र 80 से अधिक है तो यह रिस्क अधिक होता है. परिवार में अगर वंशानुगत बीमारी रही है, तो हार्ट, थाइराइड व अन्य बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है. इससे भी बड़ा फैक्टर स्मोकिंग है, लोग तंबाकू, सिगरेट, खैनी का सेवन कर स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं. इससे हार्ट की बीमारी, कैंसर, सांस की बीमारी आदि हो सकती है. इससे हम दूर रह सकते हैं. इसे हम जीवनशैली में बदलाव कर और रहन- सहन में बदलाव कर रोक सकते है. डॉ तिवारी ने कहा कि शराब से पेट की बीमारी, लीवर, हार्ट, किडनी की बीमारी हो सकती है, इसलिए लोगों को शराब के सेवन से बचना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मोटापा भी बहुत बड़ी बीमारी होती है, मोटापा के कारण घुटना, जोड़ों की बीमारी, बीपी, शुगर, पेट की समस्या व अन्य कई प्रकार की बीमारी मोटापे के कारण ही होती है. ऐसे में लोगों को अपनी हाइट के अनुसार मोटापे को संयमित कर रखें. उन्होंने कहा कि थाइराइड, शुगर, बीपी, कॉलोस्ट्रोल, होमोसिस्टीन ऐसी बीमारियां हैं, जिनका इलाज कर इसे बच सकते हैं. लेकिन इसका इलाज जरूर करायें तभी स्वास्थ्य रह सकते हैं. आज लाेग मेहनत नहीं करना चाहते हैं, इससे शरीर में आलस्य आ जाता है. हर रोज लोगों को सुबह कम से कम 30 मिनट तेज गति से पैदल चलना चाहिए. इसके अलावा नमक, चिनी, घी और नॉनवेज को कम से कम लेना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पेशाब के सिस्टम में यदि 10 एमएम का स्टॉन हो, तो पानी पीने व दवा से निकल सकता है, इसके लिए दो से तीन सप्ताह का समय लगता है. इसके बाद भी यदि नहीं निकले, तो इलाज अवश्य करायें. इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर परामर्श दिये.लोगों के सवाल व डॉक्टर के परामर्श
सवाल : करीब एक साल से कान से पानी बहता है और दर्द रहता है. क्या कारण है. हर्षबर्धन, गोड्डासलाह : काम के पर्दे में छेद होने के कारण ऐसा होता है. कान में पानी नहीं जाने दें. अच्छा होगा कि किसी इएनटी चिकित्सक से मिलकर इलाज करायें.
सवाल: मेरे पिता जी को पेट में दर्द रहता है. करीब 12 साल पहले गोल ब्लडर का ऑपरेशन कराये थे, इसके बाद भी दर्द कभी- कभी होता है.पप्पू पत्रलेख, बासुकीनाथ, दुमका
सलाह: गैस की दवा 10 दिनों तक सुबह खाली पेट लें, इसके बाद भी आराम नहीं हो, तो चिकित्सक से इलाज करायें.सवालः मेरे पेट में मीठा- मीठा दर्द रहता है. निंबू पानी पीने से थोड़ा ठीक लगता है.
जयप्रकाश शर्मा, गोड्डासलाह: गैस की गोली 15 दिनों तक सुबह खाली पेट लें, ठीक हो जायेगा. नहीं होने पर चिकित्सक से मिले.
सवाल: करीब 10 दिनों से सर्दी व जुकाम है. कान में सुनाई नहीं दे रहा है. बीपी और शुगर भी है.मुरलीधर राम, जसीडीह
सलाह: अधिक जोर से सर्दी-खांसी होने से कान भी जाम हो जाता है. चिकित्सक से मिलकर दवा लें. बीपी और शुगर कंट्रोल नहीं रहने के कारण सर्दी व जुकाम भी देर से ठीक होता है, इसलिए बीपी और शुगर को कंट्रोल रखे.सवालः मेरी मां को तीन- चार साल से दम्मा की शिकायत है, क्या करें.
राहुल कुमार, देवघरसलाह: परिवार में किसी को सांस की परेशानी तो नहीं है. हार्ट की परेशानी से सांस की परेशानी होती है. एक बार चिकित्सक से संपर्क कर इसके बाद दवा शुरू करें. यदी दम्मा ही है, तो इन्हेलर लेना ही होगा, लेकिन इन्हेलर लेने के बाद सादा पानी से कुल्ला जरूर करें, वरना मुंह का स्वाद बदल जायेगा, धीरे- धीरे घाव भी हो सकता है.
सवाल: पेशाब करने के बाद दर्द होता है, क्या कारण है.अभिषेक कुमार, देवघर
सलाह: इसके दो कारण से हो सकते हैं, या तो पेशाब में संक्रमण होना, या पेशाब के रास्ते में पथरी होना. यूरिन कल्चर की जांच करायें ओर चिकित्सक से संपर्क करें.सवाल: मेरी उम्र 70 वर्ष है, मेरे दोनों पैर के ठेहुने में दर्द रहता है,
द्रौपदी देवी, मधुपुरसलाह: इस उम्र में ठेहुना घिस जाने के बाद दर्द होता है. अच्छा होगा ठेहुना बदलवा लें या अधिक समय तक खड़ा नहीं हो और पैदल भी अधिक देर तक नहीं चलें.
सवाल: करीब 12 साल से खांसी और दम्मा की बीमारी है, इसकी दवा चल रही है. हार्ट की भी परेशानी है, क्या करें.रामेश्वर सिंह, देवघर
सलाह: हार्ट की समस्या के कारण भी सांस फूलता है, इसलिए चिकित्सक से मिलकर इलाज करायें. इन्हेलर का उपयोग करें, लेकिन इसके बाद सादा पानी से कुल्ला जरूर करें.सवाल: मेरी पत्नी की उम्र 62 साल है. उसे पांच साल से अस्थमा है. कुछ भी काम करने पर दम फूलने लगता है.
बालदेव पंडित, गोड्डासलाह: यदि अस्थामा है, तो इन्हेलर रेगुलर दें, इससे कंट्रोल रहेगा. इसके अलावा एंटी एलर्जी की दवा रोज रात को 10 दिन तक देने से ठीक हो जायेगा.
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हेल्थ काउंसलिंग : टॉक टू डॉक्टर में जेनरल फिजिशियन डॉ डी तिवारी ने लोगों को दिये परामर्शडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है